जीएसटी काउंसिल ने राज्यों को पत्र लिखा- चिंताजनक हालात में पहुंचा कर संग्रह, राज्यों को क्षतिपूर्ति बंद करने की ‘चेतावनी’


gst council to establish tax payer complain system

 

जीएसटी लागू के बाद पहली बार कर संग्रह में आई गिरावट की बात स्वीकार करते हुए जीएसटी काउंसिल ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर जीएसटी और क्षतिपूर्ति के बारे में चिंता जाहिर की है. पत्र का आशय है कि केन्द्र सरकार राज्यों के राजस्व (रेवेन्यू) में कमी की क्षतिपूर्ति को पूरा कर पाने में असमर्थ है. पत्र में राज्यों से कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों में जीएसटी और क्षतिपूर्ति कर संग्रह  ‘चिंता का विषय’ है और राज्यो के नुकसान की भरपाई कर पाना मुश्किल लग रहा है.

जीएसटी काउंसिल केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित एक संवैधानिक निकाय है जिसके सदस्य सभी राज्यों के वित्त मंत्री होते हैं.

18 दिसंबर को होनेवाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में ‘राजस्व वृद्धि’ पर बात होगी. आज जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों की मुलाकात केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से होने वाली है.

केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब सरकार ने 10 नवंबर को जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान में देरी पर संयुक्त बयान जारी किया था. इन राज्यों में विपक्षी पार्टियों का शासन है. अगस्त- सितंबर में आई कर संग्रह में कमी की वजह से केन्द्र ने अबतक राज्यों को उनकी क्षतिपूर्ति नहीं दे पाई है.

जीएसटी एक्ट के मुताबिक जीएसटी क्षतिपूर्ति हर दो महीने के अंतराल में देने का प्रावधान है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक जीएसटी काउंसिल ने राज्यों को कर से छूट पाने वाले सामग्रियों, विभिन्न वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी और क्षतिपूर्ति आदि पर छह दिसंबर तक सुझाव देने को कहा है.


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