गुजरात: आवासीय सोसायटी ने सदस्यों को दलित, मुसलमानों को संपत्ति नहीं बेचने की हिदायत दी
प्रतिकात्मक तस्वीर
गुजरात के नर्मदा जिले में वाडिया गांव की एक आवासीय सोसायटी ने अपने सदस्यों को मुस्लिम और दलित समुदाय के लोगों को अपनी संपत्ति नहीं बेचने की मांग की है. इसके बाद मुस्लिम और दलित समुदाय के लोगों में खासी नाराजगी देखी जा सकती है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए पैम्फलेट में आने वाले त्योहारों के साथ साथ संपत्तियों की बिक्री पर लगाए जाने वाले शुल्क के बारे में जानकारी है. इन बिंदुओं के बीच यह भी उल्लेख किया गया था कि सदस्यों से मुस्लिम और दलित समुदायों को सम्पति बेचने की अपील की जाती है.
हालांकि सोसाइटी की तरफ से सफाई दी गई है कि यह कदम उनकी बैठक में सबसे चर्चा के बाद उठाया गया है.
दलित समुदायों के एक प्रतिनिधि ने कलेक्टर से मुलाकात की और भेदभाव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. ज्ञापन सोंपने वाली समिति के सदस्य ने कहा, “हमने जिला कलेक्टर से इस मामले की जांच करने और ऐसे समुदायों के बीच नफरत फैलाने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए कहा है. हमें उम्मीद है की कार्रवाई की जाएगी.”
नर्मदा जिले की कलेक्टर के पटेल ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि “जब हमने कॉलोनी के सदस्यों से जवाब मांगा तो उन्होंने बताया कि यह हमारी एक बैठक में चर्चा किए जाने के लिए उनके एजेंडे का एक मसौदा था और वह इस तरह के किसी भी नियम को पारित नहीं कर रहे थे, यह हमारे निवासी सदस्यों से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार की गई सूची थी.” कलेक्टर ने बताया, “हम उनके जवाब से संतुष्ट हैं, लेकिन अगर भेदभाव होता है तो इस मुद्दे पर नजर रखेंगे और जांच शुरू करेंगे.”
हालांकि एक सर्कुलर में यह उल्लेख किया गया है कि समाज द्वारा बैठक में पारित किए गए निर्णय सभी सदस्यों को मानने होते हैं. सोसाइटी के अध्यक्ष पिंकल पटेल ने कहा “पैम्फलेट समाज का संकल्प नहीं था, बल्कि सदस्यों के विचारों को आमंत्रित करने के लिए बैठक के एजेंडे का एक मसौदा था.”