गुजरात: नरोदा गाम दंगा मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस का ट्रांसफर


Gujarat: Transfer of Justice hearing Naroda village riot case

 

नरोदा गाम दंगा मामले की सुनवाई कर रहे एक विशेष एसआईटी जस्टिस का गुजरात हाई कोर्ट के एक आदेश से वलसाड के प्रधान जिला न्यायाधीश के तौर पर स्थानांतरण कर दिया गया है. नरोदा गाम दंगा मामले में पूर्व बीजेपी मंत्री माया कोडनानी एक आरोपी हैं.

गुजरात हाई कोर्ट द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार अहमदाबाद के शहर सिविल अदालत के प्रधान न्यायाधीश एम के दवे को वलसाड जिले के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर स्थानांतरित कर दिया गया है.

जस्टिस दवे का स्थान एस के बक्शी लेंगे जो यहां स्थानांतरित किये जाने से पहले भावनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश के तौर पर कार्य कर रहे थे.

जस्टिस दवे नरोदा गाम दंगा मामले में अंतिम दलीलें सुन रहे थे और कोडनानी के वकील ने पिछले सप्ताह मामले में अपनी दलीलें शुरू की थीं.

अभियोजन के साथ ही कई आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे बचाव पक्ष की दलीलें पहले ही पूरी हो चुकी हैं.

जस्टिस दवे के स्थानांतरण के बाद इसकी संभावना है कि नए न्यायाधीश को अंतिम दलीलें नए सिरे से सुननी पड़ें.

कोर्ट ने मामले में साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया फरवरी 2018 में शुरू की थी.

इससे पहले मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों में शामिल रहे पूर्व प्रधान सत्र न्यायाधीश पी बी देसाई दिसम्बर 2017 में सेवानिवृत्त हो गए थे.

दवे उन 18 प्रधान जिला न्यायाधीशों में से एक हैं जिनका स्थानांतरण गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने किया है. मुख्य न्यायाधीश ने 17 डिविजन के सत्र न्यायाधीश भी नियुक्त किए हैं.

नरोदा गाम नरसंहार उन नौ प्रमुख दंगा मामलों में से एक है जिनकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की थी.

2002 के दंगों के दौरान अहमदाबाद के नरोदा गाम क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के 11 सदस्य मारे गए थे.

मामले में कुल 82 लोग सुनवाई का सामना कर रहे हैं.

कोडनानी इस मामले के आरोपियों में शामिल हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं.


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