देशद्रोह के मामले में हीरेन गोहेन को जमानत मिली
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने राजद्रोह के मामले में असम के साहित्यकार हीरेन गोहेन और केएमएसएस नेता अखिल गोगोई को अंतरिम जमानत दी. जबकि वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत को नियमित जमानत दी गई है.
असम पुलिस ने इनके खिलाफ यह केस नागरिकता विधेयक को लेकर कथित टिप्पणी पर दर्ज किया था.
जस्टिस एच के शर्मा ने गोहेन और गोगोई को पांच-पांच हजार रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत मंजूर की. और पुलिस को 22 जनवरी तक केस डायरी सौंपने का निर्देश दिया.
पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, छेड़ने का प्रयास करना या छेड़ने के लिए उकसाना), 123 (युद्ध छेड़ने की साजिश में मदद करने के लिए इसे छिपाना) और 124 (ए) (देशद्रोह) सहित आईपीसी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था.
मामला नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सात जनवरी को आयोजित बैठक में की गई टिप्पणियों के आधार पर दर्ज किया गया.
यह विधेयक, नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है. कानून बनने के बाद पड़ोसी मुल्कों के अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल के बजाए छह साल भारत में गुजारने पर बगैर उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.
नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास किया जा चुका है. राज्यसभा में यह अभी तक अटका हुआ है.