हांगकांग: प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई


we are trying to solve the matter says hong kong government

 

हांगकांग में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने महीनों से चल रहे लोकतांत्रिक सुधार अभियान के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के मकसद से ब्रिटेन के वाणिज्य दूतावास के बाहर रैली की. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस ने कई राउंड आंसू गैस के गोले और मिर्च की गोलियां दागी और वाटर कैनन से हमले किए.

इस दौरान एकत्रित हुए लोगों ने ब्रिटेन के ध्वज फहराये और ‘हांगकांग को बचाओ ब्रिटेन’ के नारे भी लगाए. प्रदर्शनकारी बैनर थामे हुए थे जिस पर लिखा था कि ‘एक देश, दो व्यवस्थाओं का दौर अब खत्म हो चुका है.’

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक हांगकांग के चप्पे-चप्पे में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

हांगकांग के हेन्सली रोड पर पुलिस शिल्ड के साथ तैनात है.

वान चाय क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने सब-वे पर कूड़े का ढ़ेर लगाकर उसमें लगा दिया है. यहां पर भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं.

हांगकांग पहले ब्रिटेन की कॉलोनी हुआ करता था, लेकिन 1997 में ब्रिटेन और चीन के बीच हुए समझौते के बाद से हांगकांग पर चीन का नियंत्रण है.

प्रदर्शनकारियों ने उस समझौते का हवाला देते हुए ब्रिटेन से हांगकांग की स्वायत्तता सुनिश्चित करने की अपील की.

प्रदर्शनकारियों ने इससे पहले एक सितंबर को भी ब्रिटेन के वाणिज्य दूतावास के बाहर रैली निकाली थी. इसके अलावा उसने पिछले सप्ताहांत अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के बाहर भी रैली निकाली थी.

चीन ने हांगकांग के लिए एक प्रत्यर्पण विधेयक पेश किया था. यह कानून हांगकांग के मुख्य कार्यकारी और अदालतों को उन देशों के प्रत्यर्पण अनुरोधों को प्रक्रिया में लाने की अनुमति देगा जिनके साथ पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश का औपचारिक हस्तांतरण समझौता नहीं है. इसमें चीन, ताइवान और मकाओ शामिल हैं, जिन्हें बिना विधायी पर्यवेक्षण के हस्तांतरण की इजाजत होगी.

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि चीन हांगकांग में अपना दखल बढ़ाने के लिए यह विधेयक लाया है. हालांकि हांगकांग सरकार ने इस महीने घोषणा की थी कि वह विधेयक को वापस लेगी, लेकिन प्रदर्शनकारी शहर में प्रत्यक्ष चुनाव कराने और पुलिस की जवाबदेही तय करने की मांग पर अड़े हुए हैं.


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