रसोई गैस की कीमतों में प्रति सिलिंडर 144.50 रुपये की भारी-भरकर वृद्धि
रसोई गैस की कीमतों में 144.5 रुपये प्रति सिलिंडर की भारी-भरकम वृद्धि की गई. सरकारी पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी.
हालांकि सरकार ने रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी बढ़ाकर लगभग दोगुनी कर दी है.
कंपनियों ने कहा कि एजपीजी सिलिंडर की कीमत पहले के 714 रुपये से बढ़ाकर 858.50 रुपये कर दी गई है.
यह जनवरी 2014 के बाद से रसोई गैस के भाव में हुई सबसे बड़ी वृद्धि है. तब एलपीजी का भाव 220 रुपये प्रति सिलिंडर बढ़ाकर 1,241 रुपये कर दिया गया था.
सरकार ने इसके साथ ही एलपीजी सिलिंडर पर मिलने वाली सब्सिडी 153.86 रुपये से बढ़ाकर 291.48 रुपये प्रति सिलिंडर कर दी है.
सब्सिडी पर उपभोक्ताओं को एक साल में 12 सिलिंडर मिलते हैं.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिये सब्सिडी 174.86 रुपये से बढ़ाकर 312.48 रुपये प्रति सिलिंडर कर दी गई है.
सब्सिडी के बाद एक सिलिंडर एलपीजी का भाव सामान्य उपभोक्ताओं को 567.02 रुपये और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 546.02 रुपये पड़ेगा.
सामान्यत: हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी के भाव में संशोधन किया जाता है. हालांकि इस बार इसमें दो सप्ताह का अधिक समय लग गया. अधिकारियों ने इस बारे में कहा कि चूंकि बड़ी वृद्धि की जानी थी, इस कारण आवश्यक मंजूरियां लेने में समय लग गया.
हालांकि, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिये आठ फरवरी को हुए मतदान को देखते हुए रसोई गैस के दाम बढ़ाने की घोषणा टाल दी गई थी.
इस बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जनता की जेब पर करंट लगा दिया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि करंट की बात करते-करते जनता की जेब पर करंट मार दिया गया. वहीं ऑल इंडिया महिला कांग्रेस ने रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर 13 फरवरी को देशव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है. उन्होंने इसे गरीबों के लिए क्रूर कदम बताया है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडरों के दाम में आज से लगभग 150 रुपये की भारी वृद्धि देश के करोड़ों गरीबों एवं मेहनतकश समाज के लोगो के लिए जबर्दस्त महंगाई में आटा गीला करने वाला क्रूर कदम है. केंद्र संविधान की मंशा की मंशा के अनुसार कल्याणकारी सरकार की तरह काम करे तो यह बेहतर होगा.’