आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप: टेस्ट क्रिकेट को बचाने की कवायद


ICC Test Championship: Test cricket saving exercise

 

2007 में टी-20 विश्व कप के रूप में दुनिया के सामने क्रिकेट का एक ऐसा प्रारूप सामने आया जिसने क्रिकेट के प्रति पूरी दुनिया का नजरिया ही बदल दिया. 20 ओवर के टी-20 फॉर्मेट ने क्रिकेट की दुनिया में क्रांति ला दिया.

लोगों को ये फटाफट क्रिकेट रास आने लगी, एक हिन्दी फिल्म के जितने समय में क्रिकेट मैच का पूरा होना लोगों को भाने लगा. अब लोग क्रिकेट के बस दो ही फॉर्मेट को ज्यादा पसंद करने लगे, एक वनडे फॉर्मेट और दूसरा टी-20.

अब लोगों के बदलते रुझान और इस जद्दोजहद के बीच क्रिकेट का सबसे पुराना फॉर्मेट या कहें कि क्रिकेट का वास्तविक फॉर्मेट यानी कि टैस्ट फॉर्मेट धीरे-धीरे हाशिए पर जाने लगा. ये क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी समेत कई क्रिकेट प्रेमियों के लिए चिंता का सबब बन गया. अब आईसीसी के सामने बड़ा और मुश्किल सवाल ये था कि क्रिकेट की इस सबसे पुरानी विरासत को कैसे बचाया जाए.

टेस्ट क्रिकेट को बचाने और पुनर्जीवित करने के लिए आईसीसी हरकत में तो आया लेकिन अपनी चिर-परिचित सुस्त कार्यशैली की वजह से इसमें भी आईसीसी का ढीला रवैया देखने को मिला, 2009 में आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट को बचाने की अपनी इच्छा जाहिर की. अब यहां से आगे आप इस टाइमलाइन पर गौर कीजिएगा, काफी दिलचस्प तो है ही साथ ही इसमें आपको आईसीसी के सुस्त, ढुलमुल, गैर-जिम्मेदार और लापरवाह रवैये की पूरी झलक देखने को मिलेगी.

बेशक टैस्ट चैम्पियनशिप को शुरू करने के पीछे आईसीसी की मंशा पर किसी भी तरह के सवाल नहीं उठाए जा सकते क्योंकि आईसीसी ने ये कदम टेस्ट क्रिकेट की बेहतरी के लिए उठाया. लेकिन सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि जिस चैम्पियनशिप का ख्याल आईसीसी को अब से 10 साल पहले यानी 2009 में आ गया था तो उस योजना को जमीन पर और उस ख्याल को अमल में लाने में आईसीसी को 10 साल का इतना लंबा समय क्यों लगा, आखिर क्यों न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान मार्टिन क्रो के सुझाए प्लान को आईसीसी ने गंभीरता से नहीं लिया.

टेस्ट चैम्पियनशिप का यह सिलसिला शुरू होता है 2009 से, जब आईसीसी ने उस साल टेस्ट चैम्पियनशिप का प्रस्ताव रखा था. लेकिन वो प्रस्ताव अमल में नहीं आ सका और 2009 में टेस्ट चैम्पियनशिप नहीं हो सकी. इसके बाद सितम्बर 2010 में आईसीसी के दुबई मुख्यालय में हुई मीटिंग में टेस्ट चैम्पियनशिप पर चर्चा की गई, आईसीसी ने आधिकारिक प्रवक्ता कॉलिन गिब्सन ने मीडिया से कहा कि मीटिंग के बाद सारी योजनाओं से पर्दा हटेगा और अगर टेस्ट चैम्पियनशिप इंग्लैंड में होती है तो फाइनल के लिए पहली पसंद लंदन का लॉर्ड्स मैदान होगा.

आखिरकार आईसीसी की इस मीटिंग के बाद ये तय हुआ कि 2013 में इंग्लैंड एंड वेल्स में टैस्ट चैम्पियनशिप का आयोजन होगा. हालांकि कई मसले अभी भी अनसुलझे ही रहे जैसे कि प्ले-ऑफ़्स का प्रारूप, या फिर टेस्ट ड्रॉ होने की स्थिति में उसका नतीजा कैसे निकाला जाएगा.

2013 में चैम्पियनशिप प्रस्तावित तो कर दी गई लेकिन ये ड्रामा इतनी आसानी से कहाँ थमने वाला था. 2011 में आईसीसी ने एक और घोषणा करते हुए कहा कि 2013 में होने वाली टेस्ट चैम्पियनशिप अब 2013 में नहीं हो पाएगी. इसके बाद 2012 में आईसीसी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अब इसका आयोजन जून 2017 में होगा.

ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, “टेस्ट चैम्पियनशिप का टलना लॉर्ड्स जैसे मैदान के लिए बड़ा झटका है.” वहीं दूसरी ओर आईसीसी ने इस आयोजन के टलने की वजह वित्तीय समस्या बताई और स्पॉन्सर्स और ब्रॉडकासटर्स से अपने अनुबंधों का हवाला दिया. 2013 की टेस्ट चैम्पियनशिप टलने के एवज में इंग्लैंड को 2013 में होने वाली आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी की मेजबानी दी गई.

आईसीसी का ये सुस्त और लापरवाह रवैया यहीं नहीं थमा, और 2014 में इस पूरे वाकये में एक बड़ा ट्विस्ट आया जब आईसीसी ने कहा, “टेस्ट चैम्पियनशिप जून 2017 में भी नहीं हो पाएगी और इसकी जगह दोबारा चैम्पियन्स ट्रॉफी का आयोजन किया जाएगा.”

इसके बाद हर चैम्पियन्स ट्रॉफी को खत्म कर के हर प्रारूप के लिए केवल एक ही बड़ा टूर्नामेंट आयोजित किया जाएगा. 2017 में टेस्ट चैम्पियनशिप के टलते ही एक बार फिर से इंग्लैंड एंड वेल्स में आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी का आयोजन किया गया.

आखिरकार 2019 में वो समय आया जब विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के आयोजन को हरी झंडी मिली और 10 साल से चला रहा आईसीसी का सुस्त रवैया आखिरकार थमा. आईसीसी ने टेस्ट चैम्पियनशिप की रूपरेखा तैयार की.

आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप 2019 से 2021 तक खेली जाएगी, जिसमें टैस्ट खेलने वाले नौ मुख्य देशों की टीमें हिस्सा लेंगी. चैम्पियनशिप में कुल 71 मैच खेले जाएंगे, हर टीम छह सीरीज़ खेलेगी जिसमें तीन घरेलू सीरीज़ और तीन सीरीज़ विदेशी दौरे पर खेली जाएगी. लीग चरण के खत्म होने के बाद अंक तालिका में शीर्ष दो टीमों के बीच फाइनल होगा, चैम्पियनशिप का फाइनल 2021 में 10 से 14 जून के बीच लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर खेला जाएगा. फाइनल के ड्रॉ या टाई छूटने पर विजेता का फैसला लीग चरण की अंक तालिका के आधार पर किया जाएगा.

विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के इतनी लंबी प्रक्रिया से गुजरने के बाद इतना तो साफ है कि ये 10 साल तक एक टूर्नामेंट का टलना नाकामी, सुस्त रवैये और लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण है, बाकि आखिर में टेस्ट क्रिकेट को बचाने की कवायद में एक अगस्त से एशेज के साथ शुरू हो रही इस चैम्पियनशिप को लेकर आईसीसी के बारे में यही कहा जा सकता है, “सुस्त आए मगर दुरूस्त आए.” अब देखना ये है कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने में आईसीसी का ये कदम कितना कारगर साबित होता है.


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