अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने म्यांमार को रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने म्यांमार को अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार रोकने और बीते समय में उनके ऊपर हुए हमलों के सबूतों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ का हिस्सा है.
सर्वसम्मति से दिए गए अपने फैसले में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने म्यांमार की आंग सान सू की सरकार को 1948 के नरसंहार समझौते का पालन करने और वर्तमान में जारी नरसंहार को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि इस बात के प्राथमिक सबूत मौजूद हैं कि म्यांमार ने 1948 के नरसंहार समझौते का उल्लंघन किया है और देश में वर्तमान में मौजूत करीब 6 लाख रोहिंग्या मुसलमानों के ऊपर सेना द्वारा नरसंहार का खतरा मंडरा है.
समझौते का उल्लंघन करने का मामला गांबिया ने उठाया था और यह फैसला इसी को लेकर आया है. यह कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं है और अंतिम फैसले के लिए दो से तीन सालों का समय लग सकता है. 1948 का संयुक्त राष्ट्र नरसंहार समझौता नाजी जर्मनी द्वारा यहूदियों के नरसंहार के बाद लागू किया गया था.