543 में केवल 35 संसदीय क्षेत्र में खर्च हो पाई सांसद निधि की राशि
देश के 543 लोकसभा क्षेत्रों में केवल 35 क्षेत्रों में ही सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि योजना के लिए स्वीकृत पूरी राशि खर्च हो पाई है. एमपी क्षेत्रीय विकास निधि के तहत प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि दी जाती है.
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय हर साल पांच करोड़ की राशि सांसद निधि के मद में जारी करता है.
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण भारत के एक भी संसदीय क्षेत्र में पूरी राशि खर्च नहीं हो पाई है. केवल पश्चिम बंगाल, यूपी, गुजरात और हरियाणा में एक या उससे अधिक संसदीय क्षेत्रों में इस मद में जारी राशि का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जारी हुई है.
सांसद निधि को खर्च करने के मामले में पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है. यहां के 10 संसदीय क्षेत्र इस मामले में अपेक्षा पर खरे उतरे हैं.
अब केन्द्र सरकार हर साल सांसद निधि को दो इंस्टॉलमेंट में देने की बजाय पूरे साल का फंड एकमुश्त देने पर विचार कर रही है. केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय मंत्री डीवी सदानंद गोडा ने संसद में बताया कि वित्त मंत्रालय से विचार के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा.
हालांकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास मानते हैं एक साल में प्रोजेक्ट को पूरा करना और यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट लेना आसान नहीं है.