जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों के हित सुरक्षित रखने की जरूरत: बीजेपी


in j&k bjp wants to put restriction on outsider for jobs and land

 

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के बाद बीजेपी की राज्य इकाई जमीन और सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों के हितों को सुरक्षित रखते हुए, बाहरी लोगों पर नियंत्रण लागू करना चाहती है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह ने अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “स्थानीय लोगों के जमीन और नौकरी से जुड़े अधिकार सुरक्षित रखने के लिए डॉमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किए जाने चाहिए.”

राज्य में बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने दावा किया कि “सरकार इन (जमीन और नौकरी) और बाकि के तमाम मुद्दों पर काम कर रही है. जल्द ही इस संबंध में नई व्यवस्था लागू की जाएगी.”

5 अगस्त को सरकार के फैसले के बाद से ही तमाम विपक्षी नेता राज्य में जमीन और नौकरी के संबंध में स्थानीय लोगों के हितों को अनदेखा करने को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी नहीं चाहेगी कि ये मुद्दा जोर पकड़े और उसके जश्न में किसी तरह के रुकावट का काम करे.

शनिवार को जम्मू के कुछ इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई, हालांकि आज एक हफ्ते बाद भी सैकड़ों स्थनीय नेताओं को नजरबंद रखा गया है. नजरबंद रखे गए नेताओं में जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह, डोगरा स्वाभिमान संगठन के संस्थापक चौधरी लाल सिंह, कांग्रेस नेता रमन भल्ला और विभिन्न पूर्व मंत्री शामिल हैं.

बीजेपी राज्य से अनुच्छेद को पूरी तरह हटाकर नई व्यवस्था को लागू करने और स्थानीय नेताओं को छोड़ने से पहले जमीन और नौकरी के संबंध में बनी शंकाओं को दूर कर लेना चाहती है. निर्मल सिंह ने कहा, “हम इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं.”

निर्मल सिंह ने अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा “पंजाब में राज्य सरकारी नौकरी करने के लिए जरूरी है कि आप वहां पहले छह सालों से रहें या हिमाचल प्रदेश में बाहरी लोग कृषि के लिए जमीन नहीं खरीद सकते हैं, और कई जगहों पर आप किसान की 50 प्रतिशत से अधिक खेती लायक जमीन नहीं खरीद सकते.”

उन्होंने कहा, “हर भारतीय को यहां आकर बसने का पूरा अधिकार है लेकिन इसी के साथ हमें स्थानीय लोगों के हितों को भी सुरक्षित रखना होगा.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद दिए अपने पहले भाषण में पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों का मुद्दा उठाया था कि राज्य में 70 सालों से रह रहे इन लोगों को आज तक आधारभूत अधिकार नहीं मिले. सिंह ने कहा कि इन्हें और पंजाब के वाल्मीकियों को भी डॉमिसाइल दिया जाएगा.

राज्य में बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि “लोगों को चिंता करने या घबराने की जरूरत नहीं है. भले ही जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है पर राज्य की विधायिका स्थानीय लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए अपने कानून बनाएगी.”


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