निर्भया मामला: कोर्ट ने अलग-अलग फांसी देने की याचिका पर दोषियों से मांगा जवाब


sc ask mp speaker to take decision on resignation of rebel legislators

 

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के अनुरोध वाली केन्द्र की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित करते हुए दोषियों से इस पर जवाब तलब किया.

कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषियों से कहा कि वे अलग-अलग फांसी देने का अनुरोध कर रही केन्द्र की याचिका पर शुक्रवार तक जवाब दाखिर करें.

जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने दोषी पवन गुप्ता के प्रतिनिधित्व के लिए गुरुवार को वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश को न्याय मित्र नियुक्त किया.

पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई शुक्रवार दोपहर दो बजे तक स्थगित कर रही है क्योंकि दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को निर्देश दिया कि वह अपने पैनल में शामिल वकीलों की एक सूची पवन के पिता को उपलब्ध कराए.

गुप्ता के पिता ने कल अदालत से अनुरोध किया था कि फिलहाल उनके बेटे के पास कोई वकील नहीं है, इस पर न्यायाधीश ने उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) से एक वकील मुहैया कराने की पेशकश की थी.

निर्भया मामले के चार दोषियों में से केवल गुप्ता ने ही अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है. उसके पास मौत की सजा के खिलाफ दया याचिका दायर करने का भी विकल्प मौजूद है.

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी. सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.


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