गिरफ्तारी के समय महज 13 साल के मुर्तजा को सऊदी ने सुनाई फांसी की सजा


in saudi arabia a boy arrested at 13 now faces death penalty

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सऊदी अरब ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के जुर्म में 18 वर्षीय मुर्तजा कुरेरिस को मौत की सजा सुनाई है. 2011 में मुर्तजा ने सरकार विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. तब वह 10 साल का था. तीन साल बाद जब प्रदर्शन का वीडियो सामने आया तो सऊदी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. उस वक्त मुर्तजा की उम्र महज 13 साल थी.

मुर्तजा अपने परिवार के साथ बहरीन जा रहा था जब सऊदी अधिकारियों ने सीमा पर से उसे हिरासत में ले लिया था. मुर्तजा की सजा को लेकर वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने विरोध जताया है. संस्था ने सऊदी सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है.

गिरफ्तारी के वक्त मुर्तजा सऊदी अरब में सबसे युवा राजनीतिक कैदी था. चार साल से ज्यादा प्री-ट्रायल चलने के बाद अब उसे मौत की सजा सुनाई गई है.

विश्व भर में मौत की सजा सुनाने के मामले में सऊदी अरब सबसे आगे है. इसकी वजह से मानवाधिकार समूहों ने लगातार आलोचना भी की है. वे लोग जो जुर्म करने के समय नाबालिग थे,उन्हें सजा सुनाए जाने का मानवाधिकारों समूहों ने हमेशा विरोध किया है.

मुर्तजा पर आरोप है कि वह अपने भाई अली कुरेरिस के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. साथ ही यह भी आरोप है कि सऊदी के पूर्वी शहर अवामिया के एक पुलिस स्टेशन पर कथित तौर पर अली ने पेट्रोल बम फेंका था.

सऊदी अरब में अपराध के मामलों में जिम्मेदार घोषित किए जाने की सबसे कम उम्र 12 साल है.

फिलहाल मुर्तजा को एक टेरर कोर्ट में रखा गया है. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि वह एक चरमपंथी आतंकवादी समूह से ताल्लुक रखता है.

उसके खिलाफ कई अन्य मुकदमें भी दायर किए गए हैं. इसमें विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काना, पेट्रोल बम फेंकना शामिल है. इसके अलावा यह भी आरोप है कि मुर्तजा ने 2011 में भाई अली के जनाजे में सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाई थी.

मुर्तजा ने तमाम आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि अभियोजन पक्ष जिस बयान को आधार बना रहे हैं, वह जबर्दस्ती लिया गया है.

ब्रिटेन में रहने वाले सऊदी मूल के कार्यकर्ता मोहम्मद दमन 2011 में हुए उस विरोध प्रदर्शन के वक्त मौजूद थे. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो रहा था. उन्होंने कहा कि सऊदी सरकार ने एक भी तस्वीर या फोटो जारी नहीं की है जिसमें हिंसा नजर आए.

उन्होंने कहा कि सऊदी सरकार हर बार सरकार विरोधी प्रदर्शनों को हिंसक बताती रही है. सरकार इसे सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमला बताती है.

मोहम्मद दमन ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में ज्यादातर प्रदर्शनकारियों ने अपना चेहरा छिपा रखा था. मुर्तजा और उसके पिता का चेहरा खुला हुआ था, जिससे सरकार को उन्हें पकड़ने में आसानी हुई.


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