WTO नियमों से अलग अमेरिका और भारत के बीच ‘छोटे समझौते’ की संभावना


india and america may announce a mini trade deal next week

 

2020 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भारत और जापान के साथ छोटे व्यापार समझौते या “मिनी-डील” को रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं.

इस बात की काफी संभावनाएं हैं कि ट्रंप प्रशासन अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात के दौरान किसी नए व्यापार समझौते की जानकरी दे.

चीन के साथ व्यापार युद्ध के बाद अमेरिका अपने किसानों और उत्पादकों के लिए नए बाजारों की खोज में है. इसके मद्देनजर आने-वाले समय में ट्रंप प्रशासन भारत और जापान के साथ मिनी-डील की घोषणा कर सकता है.

ये मिनी-डील अमूनन दो देशों के बीच होने वाले व्यापार समझौतों से अलग है. यह समझौते अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों से ना जुड़े होकर केवल कुछ क्षेत्रों और उत्पादों पर केंद्रीत होते हैं.

संभव है कि देशों के बीच इस तरह के छोटे व्यापार समझौते को रूप देना आसान है. हालांकि कानून निर्माताओं और व्यापारियों के बीच इस प्रयोग ने शंकाओं को भी जन्म दिया है. उनका कहना है कि इन समझौतों से कई बड़े मामले या विवाद अनसुलझे रह जाएंगे.

जानकारों का कहना है कि इससे विश्व व्यापार संगठन के नियमों का भी उल्लंघन होता है, जो कहता है कि देशों द्वारा अनुचित व्यापार प्रणालियों से बचने के लिए जरूरी है को समझौते में सदस्य देश सभी व्यापार मामलों को शामिल करें.

मोदी मंगलवार को ट्रंप से न्यूयार्क में मिलेंगे. पिछले चार महीने में दोनों नेताओं की यह चौथी बैठक होगी. न्यूयार्क की बैठक से आगामी वर्षों के लिए दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होने की संभावना है.

जानकारी के मुताबिक समझौते में अमेरिका भारत के लाभार्थी विकासशील देश के दर्जे को वापस बहाल कर सकता है. वहीं बदले में भारत चेरी समेत अमेरिकी कृषि उत्पादों और पोर्क के आयात पर लगाए गए प्रतिबंध हटा सकता है. मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका का व्यापक समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे.

जबकि अमेरिकी टेक कंपनियों पर भारत द्वारा प्रतिबंध और चीन की ओर से सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के संबंध में दोनों देशों के बीच विवाद बने रहने की संभावना है.

ट्रंप के प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिकी व्यापार रिश्तों में तनाव बढ़ा है. व्यापारिक सौदे पर मतभेद भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में एक प्रमुख अड़चन के रूप में सामने आए हैं. जहां ट्रंप प्रशासन भारत द्वारा उसकी दवाइयों, कृषि उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल ट्रेड पर लगाए प्रतिबंधों से खासा नाखुश है, वहीं नई दिल्ली अमेरिका द्वारा विशेष दर्जा हटाने और भारतीय स्टील पर सीमा शुल्क लगाने जैसे फैसलों के बाद से नाराज चल रहा है.

इसके अलावा ट्रंप प्रशासन भारत के साथ व्यापार घाटा खत्म करने पर जोर दे रहा है, ऐसा लक्ष्य जिसे भारत अवास्तविक समझता है.

यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि हम इस यात्रा के दौरान किसी तरह की घोषणाओं की संभावनाओं को देख रहे हैं.

अमेरिकी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स पर काम करने वाली यूएसआईबीसी शीर्ष अमेरिकी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है जिनका संबंध भारत से है और वह दोनों देशों के बीच बेहतर और बड़े द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्ते की हिमायती है.

बिस्वाल ने कहा कि भारत और अमेरिकी वार्ताकार इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस सम्मेलन के इतर कुछ एलान होगा.”

उम्मीद है कि दोनों नेता बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार विवाद के समाधान के प्रयास, रक्षा और ऊर्जा समझौते और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया सहित विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं.

आड जॉर्ज बुश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया. वह ‘हाउडी मोदी’ कर्यक्रम में 50,000 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी लोगों को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे.


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