भारत का आईसीजे से अनुरोध, जाधव की मौत की सजा निरस्त हो


india appeal to acquit kubhushan jadhav

 

भारत ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) से अनुरोध किया कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को दिए गए मृत्युदंड को निरस्त किया जाए और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिये जाएं.

भारत ने कहा कि यह मामला कानूनी प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं करता.

सेवानिवृत्त भारतीय नौसैन्य अधिकारी जाधव (48) को ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोपों में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद मौत की सजा सुनाई थी. जाधव की सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.

भारतीय नागरिक जाधव तक राजनयिक संपर्क की अनुमति देने से बार बार इंकार करके वियना संधि के प्रावधानों का पाकिस्तान द्वारा ‘खुला उल्लंघन’ करने पर भारत मई 2017 में आईसीजे की शरण में गया था.

आईसीजे में भारत और जाधव का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य अदालतें इस अदालत में भरोसा उत्पन्न नहीं कर सकतीं और उन्हें इस मामले में पुनर्विचार करने का निर्देश देकर दोषमुक्त होने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए.

भारत जाधव की दोषसिद्धि को निरस्त करने और यह निर्देश देने का अनुरोध करता है कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए.

आईसीजे मुख्यालय में यहां सोमवार को चार दिवसीय सुनवाई ऐसे समय शुरू हुई है जब जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद द्वारा किए गए आतंकी हमले में 41 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है.

साल्वे ने कहा कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जाधव पर चलाया गया मुकदमा कानूनी प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा करने में नाकाम रहा और इसे गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य अदालतें स्वतंत्र नहीं हैं और इन अदालतों के कामकाज की यूरोपीय संसद ने निंदा की है.


Big News