लॉन्च हुआ चंद्रयान-2, चांद के दक्षिणी हिस्से में पहली बार उतरेगा कोई अंतरिक्ष यान
भारत के महत्वकांक्षी अंतरिक्ष प्रोजेक्ट मिशन चंद्रयान-2 अपनी राह पर चल पड़ा है. दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 चांद की ओर उड़ चला. बताया जा रहा है कि इस मिशन को पूरा होने में करीब 50 दिन लगेंगे. इसरो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 को उतारेगा.
चांद के दक्षिणी हिस्से के बारे में वैज्ञानिकों को ज्यादा जानकारी नहीं है. इसरो का कहना है कि चंद्रयान-2 चांद के भौगोलिक वातावरण, खनिज तत्वों और उसके वायुमंडल की बाहरी परत और पानी की मौजूदगी की जानकारी इकट्ठी करेगा.
असल में चांद पर बहुत पहले अपने-अपने यान भेज चुके अमेरिका, रूस और चीन ने चांद के दक्षिणी हिस्से में कोई कदम नहीं रखा है. इस कारण चंद्रमा के इस हिस्से के बारे में अभी बहुत कम जानकारी सामने आ पाई है. भारत के चंद्रयान-1 की वजह से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ की मौजूदगी के बारे में पता चला था. तब से ही इस हिस्से को लेकर वैज्ञानिकों की रुचि बढ़ी है.
भारत इस मिशन में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ही चंद्रयान-2 को लैंड करेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि इस मिशन के जरिए भारत दूसरे देशों पर बढ़त हासिल कर लेगा.
भारत चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करेगा. इससे पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होनी थी, लेकिन क्रायोजेनिक इंजन में लीकेज के कारण इसे 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.