82 फ़ीसदी को मोदी सरकार की स्टार्टअप इंडिया स्कीम से फायदा नहीं


indian startups struggling for survival on multiple fronts

 

लोकल सर्किल्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 18 फ़ीसदी ने माना है कि उन्हें मोदी सरकार की स्टार्टअप इंडिया स्कीम से फायदा पहुंचा है. इसके मायने ये हुए कि 82 फ़ीसदी लोगों को मोदी सरकार की स्टार्टअप इंडिया स्कीम से कोई फायदा नहीं पहुंचा है. इस रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि साल 2019 स्टार्ट अप्स के लिए चुनौती भरा होगा.

इस साल स्टार्टअप्स,लघु और मझोले उद्योगों को देश में फैले भ्रष्टाचार, अफसरशाही की अक्षयता की वजह से कारोबार चलाने के लिए कर्ज और कोष जुटाना मुश्किल होगा.

लोकल सर्किल्स ने स्थिति खराब होने की वजह से इस साल 24 फ़ीसदी स्टार्टअप के बंद हो जाने और 17 फ़ीसदी का रोजगार चले की संभावना भी जताई है. वहीं 33 प्रतिशत स्टार्टअप्स, लघु और मझोले उद्योगों का कहना है कि व्यापार बदतर होता जा रहा है.

देश में नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद से सुक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग की हालत खस्ताहाल हो गई है. छोटे व्यापारियों का कारोबार चौपट हो गया और लाखों बेरोजगार हो गए. लोकल सर्किल्स के इस स्टडी में भी 44 फ़ीसदी ने यह जाहिर किया है कि जीएसटी से व्यापार को नुकसान हुआ है.

यह रिपोर्ट 15,000 से अधिक स्टार्टअप्स, एसएमई और उद्यमियों की राय पर आधारित है. 45 फ़ीसदी लोगों का कहना है कि नए साल में उनके समक्ष प्रमुख चुनौती भ्रष्टाचार और अफसरशाही की अक्षमता है. इसके बाद 37 प्रतिशत का कहना है कि कर्ज जुटाना प्रमुख चुनौती है जबकि 18 प्रतिशत ने कारोबार वृद्धि को प्रमुख चुनौती बताया.

हाल के समय में कई स्टार्टअप्स और निवेशकों ने आयकर विभाग से स्टार्टअप्स को आयकर से मिलने नोटिस पर भी चिंता जताई है. इस अध्ययन में शामिल 38 फ़ीसदी लोगों का कहना है कि उन्हें इस तरह का एक या उससे ज्यादा नोटिस मिल चुका है. इस रिपोर्ट के अध्ययन में शामिल 97 फ़ीसदी लोगों का कहना है कि स्टार्टअप मूल्यांकन को लेकर आयकर अधिकारियों को शिक्षित करने की जरूरत है.


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