सीजेआई जांच के खिलाफ आवाज उठाने पर किया जा रहा प्रताड़ित: इंदिरा जयसिंह
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने एफसीआरए एक्ट के कथित उल्लंघन के लिए जो नोटिस उन्हें भेजा है, वो इसलिए भेजा गया है क्योंकि उन्होंने सीजेआई के खिलाफ चले यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के दौरान हुई अनियमितताओं का मुखर होकर विरोध किया.
असल में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर को नोटिस भेजा है. इस याचिका में इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के खिलाफ एसआईटी जांच करने की मांग की गई है.
इंदिरा जयसिंह ने कहा कि जिस याचिका के आधार पर उन्हें नोटिस भेजा गया है, उसकी सुनवाई 10 मई को होनी थी, उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट की ताजा नोटिफिकेशन के अनुसार 7 मई को सूचीबद्ध हो चुके मामलों को 10 मई की अंतिम लिस्ट में डाल दिया गया है.
इस पूरे मामले पर इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर का पक्ष लेते हुए संगठन ‘ल्वायर्स कलेक्टिव’ ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी किया. संगठन ने कहा कि यह जानते हुए कि इंदिरा जयसिंह यौन उत्पीड़न के मामले में सीजेआई के खिलाफ काफी मुखर रहीं, सीजेआई को जनहित याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए था.
संगठन ने कहा कि यह साफ-साफ समझा जा सकता है कि यह नोटिस यौन उत्पीड़न के मामले में इंदिरा जयसिंह के मुखर होने की ही प्रतिक्रिया है.