औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज, वृद्धि दर घटकर 2.4 फीसदी
औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर दिसंबर, 2018 में घटकर 2.4 प्रतिशत पर आ गई. खनन क्षेत्र का उत्पादन घटने और
विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटी
है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के जारी आंकड़ों में यह जानकारी
दी गई है. दिसंबर, 2017 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही थी.
नवंबर, 2018 के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर के आंकड़ों को नीचे की ओर संशोधित
कर 0.3
प्रतिशत कर दिया गया है. पहले इसके 0.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर, 2018-19 की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की
वृद्धि दर 4.6
प्रतिशत रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.7 प्रतिशत रही थी.
आईआईपी में 77.63 प्रतिशत का भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर
में घटकर 2.7
प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई थी. दिसंबर 2017 यह में 8.7 प्रतिशत रही थी.
दिसंबर, 2018 में खनन क्षेत्र का उत्पादन एक प्रतिशत घट गया. वहीं दिसंबर, 2017 में यह 1.2 प्रतिशत बढ़ा था.
इस बीच बिजली क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि 4.4 प्रतिशत पर स्थिर रही. पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन 5.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 13.2 प्रतिशत बढ़ा था.
टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 2.9 प्रतिशत बढ़ा. एक साल पहले समान महीने
में इस क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि 2.1 प्रतिशत रही थी.
उपभोक्ता गैर टिकाऊ सामान क्षेत्र का उत्पादन 5.3 प्रतिशत बढ़ा. दिसंबर, 2017 में इस क्षेत्र का उत्पादन 16.8 प्रतिशत बढ़ा था.
उद्योगों की बात की जाए तो विनिर्माण क्षेत्र के 23 में से 13 उद्योग समूहों ने इस दौरान सकारात्मक वृद्धि दर्ज की. उपयोग आधारित वर्गीकरण के हिसाब से प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन माह के दौरान 1.2 प्रतिशत और मध्यवर्ती वस्तुओं का उत्पादन 1.5 प्रतिशत घटा. वहीं बुनियादी ढांचा-निर्माण वस्तुओं का उत्पादन 10.1 प्रतिशत बढ़ा.