ईरान ने तय सीमा से अधिक यूरेनियम का भंडारण किया


india should not have joined us sanctions says iran

 

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि ईरान ने 2015 के परमाणु समझौते के तहत अपने संवर्धित यूरेनियम भंडार पर तय की गई सीमा को लांघ लिया है. अर्ध सरकारी संवाद समिति आईएसएनए ने यह खबर दी.

जरीफ ने आईएसएनए से कहा, “ईरान ने अपनी योजना के आधार पर 300 किलोग्राम की सीमा पार कर ली है.”

इससे पहले 17 जून को ईरान की परमाणु एजेंसी के एक प्रवक्ता ने घोषणा की थी कि ईरान लो-ग्रेड यूरेनियम का उत्पादन बढ़ा रहा है और 10 दिन के भीतर इसका उत्पादन 2015 की परमाणु संधि के तहत तय सीमा से ज्यादा हो जाएगा.

अराक हेवी वाटर रिएक्टर फैसिलिटी में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बेहरोज कमालवंदी ने कहा था कि ईरान ने लो-ग्रेड यूरेनियम उत्पादन में चार गुना की वृद्धि की है और 27 जून तक यह 2015 की परमाणु संधि के तहत निर्धारित 300 किलोग्राम की सीमा को पार कर जाएगा.

ईरान की इस घोषणा से ईरान और वैश्विक शक्तियों के बीच 2015 में हुई परमाणु संधि को नया झटका लगा.

इससे पहले मई 2018 में डोनल्ड ट्रंप ने इस संधि से अपने हांथ पीछे खींच लिए थे. इसके साथ ही अमेरिका की तरफ से ईरान के ऊपर से हटाए गए प्रतिबंधों को वापस से लागू कर दिया गया था.
इसी संदर्भ में बोलते हुए कमालवंदी ने कहा था, “यदि ईरान को महसूस होता है कि उसके ऊपर प्रतिबंध दोबारा लगा दिए गए हैं या फिर उन्हें हटाया नहीं गया है, तो उसके पास पूरा अधिकार है कि वो अपनी प्रतिबद्धाताओं में कमी लाए या फिर उनसे पूरी तरह मुकर जाए.”

हालांकि, कमालवंदी ने यह भी कहा कि यूरोपीय देश अगर अपनी प्रतिबद्धताओं के तहत काम करते हैं तो उनके पास अभी भी परमाणु संधि को बचाने का समय है.

कमालवंदी ने आगे कहा था कि परमाणु संधि के तहत निर्धारित सीमा को पार करने पर यूरेनियम का उत्पादन 3.7 फीसदी हो जाएगा, जबकि संधि के तहत निर्धारित सीमा 3.67 फीसदी है. इस सीमा पर यूरेनियम का उत्पादन देश की ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी है, लेकिन परमाणु बम बनाने के लिए यह काफी नहीं है.


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