ईरान ने अमेरिकी जासूसी ड्रोन को मार गिराया


Iran shots US spy drone

 

ईरान ने अमेरिकी सेना के कथित जासूसी ड्रोन को मार गिराया है. इसके बाद मध्य पूर्व क्षेत्र में संकट और अधिक गहरा गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इसे ईरान की ‘बहुत बड़ी गलती’ बताया है. संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि सभा की प्रवक्ता  नैन्सी पेलोसी ने कहा है कि ईरान के साथ स्थिति ‘खतरनाक’ हो चुकी है.

राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन मामले को समझने के लिए इजराइल की यात्रा पर हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान को जवाब देने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने सैन्य प्रमुख से मुलाकात की है.

ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने अपने बयान में कहा है कि 20 जून को देश की सीमा में प्रवेश करने वाले एक अमेरिकी जासूसी ड्रोन को मार गिराया गया है.

ईरान ने कहा कि वह यह साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र जाएगा कि उसने अमेरिका के जिस जासूसी ड्रोन को मार गिराया है वह ईरानी हवाई क्षेत्र में घुस आया था.

ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ ने ट्वीट किया, ‘‘ हम इस नई आक्रमकता को संयुक्त राष्ट्र ले जाएंगे और दिखांएगे कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र के बारे में झूठ बोल रहा है.’’

इससे पहले, अमेरिका के एक जनरल ने कहा था कि ड्रोन ईरानी तट से 34 किलोमीटर दूर था.

ज़रीफ ने कहा, ‘‘ हम जंग नहीं चाहते हैं, लेकिन हम अपने आसमान, ज़मीन और जल क्षेत्र का पूरी तरह से बचाव करेंगे.’’

सीएनएन ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से ड्रोन को मार गिराने की बात को सही माना है. हालांकि अमेरिका ने ड्रोन के ईरान की सीमा में जाने से इनकार किया है. बयान में कहा गया है कि ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में होमरूज के पास था. यह महत्वपूर्ण जलमार्ग है.

रिवॉल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख मेजर जनरल होसिन सलामी ने कहा कि ड्रोन को गिराकर उसने अमेरिका को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मनों को सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि वह हमारी स्वायत्तता, राष्ट्रीय सुरक्षा और महान ईरान राष्ट्र के राष्ट्रीय हितों का सम्मान करे.

उन्होंने कहा कि ईरान लड़ाई नहीं चाहता है, लेकिन वह लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार है.

ईरान की सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ड्रोन को पर्शियन गल्फ के दक्षिण स्थित अमेरिका के बेस से लांच किया गया था और यह ईरान के चाहरबहार में प्रवेश किया था.

ईरान ने अमेरिका पर वायुसीमा का उल्लंघन और जासूसी का आरोप लगाया है. विदेश मंत्री सैयद अब्बास मौसावी ने इसे उकसाने वाला घटना करार दिया है.

रॉयटर ने यूएस सेन्ट्रल कमांड कैप्टन बिल अर्बन के हवाले से कहा है कि कोई भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट ईरान के हवाई क्षेत्र में नहीं गया था.

इसी सप्ताह अमेरिका ने 1,.000 अतिरिक्त सैनिकों को मध्यपूर्व में भेजा है.


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