अब सरकार की निगरानी में होगा हर कंप्यूटर


IT act 2000 Computer Information Censor Intercept IB ED CBI 69(1)

 

अब केंद्र सरकार हर कंप्यूटर की निगरानी करने की तैयारी में है. अंग्रेजी दैनिक ‘द हिन्दू’ के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने 10 केंद्रीय एजेंसियों को यह अधिकार दिया है कि वे किसी भी कंप्यूटर द्वारा भेजी और जमा की जाने वाली सूचनाओं की निगरानी करने के साथ-साथ उनके प्रसार को नियंत्रित और अवरुद्ध कर सकती है.

जिन 10 एजेंसियों को यह अधिकार दिया गया है, उनमें इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) , नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) , रेवेन्यू इंटिलेजेंस निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) , राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए), कैबिनेट सचिवालय (रॉ), सिग्नल इंटेलिजेंस निदेशालय (जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम के लिए) और कमिश्नर ऑफ पुलिस, दिल्ली शामिल हैं.

इस आदेश के तहत, कोई भी सर्विस प्रोवाइडर, सब्सक्राइबर और यहां तक कि निजी तौर पर कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति इन एजेंसियों को तकनीकी सहायता और सहयोग करने के लिए बाध्य होगा. ऐसा नहीं करने पर 7 साल की जेल और दंड का प्रावधान किया गया है.

गृह मंत्रालय ने यह आदेश सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 की धारा 69 (1) के तहत यह आदेश जारी किया है. धारा 69 (1) देश की संप्रभुता, अखंडता, राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के व्यापक हित में सरकार को सूचनाओं की निगरानी करने और उनके प्रसार को नियंत्रित तथा अवरुद्ध करने का अधिकार देती है.

इससे पहले सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव की अनुमति के बाद प्राधिकृत एजेंसियों को फोन कॉल्स टैप का अधिकार भी दिया था. यह आदेश आखिरी बार 2011 में अपडेट किया गया था.


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