IT विभाग रख सकता है प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य में एक लाख करोड़ रुपये की कटौती की मांग


due to recession and corporate tax cut direct tax collection is likely to fall

 

उपभोग में कमी और कर की दरों में कटौती के चलते प्रत्यक्ष कर संग्रह में चालू वित्त वर्ष में बड़ी गिरावट की संभावना है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक आयकर विभाग वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य में एक लाख करोड़ तक की कटौती की मांग कर सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजहें- आर्थिक सुस्ती और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती है.

चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर तक कॉरपोरेशन कर केवल 0.5 फीसदी की दर से प्राप्त हुआ. जबकि इस वर्ष कॉरपोरेशन टैक्स के लिए 15.4 फीसदी का लक्ष्य था.

अक्टूबर तक पर्सनल टैक्स 5 फीसदी की दर से प्राप्त हुआ जबकि लक्ष्य 22.4 फीसदी का है. विभाग को अब तक पांच लाख 20 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर प्राप्त हुआ है. जो 13 लाख 25 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य का केवल 39 फीसदी ही है.

चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान 17.3 फीसदी है. ऐसे में अगर लक्ष्यों में बदलाव नहीं किया गया तो अगले पांच महीनों में संग्रह में करीबन 30 फीसदी की दर से बढ़ोतरी की जरूरत होगी.

एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक बजट लक्ष्य में बदलाव करते हुए प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य में एक लाख करोड़ रुपये की कौटती की जा सकती है.

सरकार ने जुलाई के बजट में फरवरी में पेश अंतरिम बजट के कर संग्रह लक्ष्य में पहले ही 45 हजार करोड़ रुपये की कटौती की थी. ऐसे में आगे भी अर्थव्यवस्था में सुस्ती की संभावनाओं को देखते हुए विभाग लक्ष्य में इस बड़ी कटौती की मांग कर सकता है.

वहीं अक्टूबर में लगातार तीसरे महीने भी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह गिरकर 95,380 करोड़ रुपये रहा. पिछले साल अक्टूबर में संग्रह 1,00,710 करोड़ रुपये था.


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