हर मामले में शादी का वादा कर बनाया गया सेक्स संबंध बलात्कार नहीं: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने दिया फैसला
जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि अगर लड़की व्यस्क और शिक्षित है तो उम्मीद की जाती है कि शादी से पहले किसी पुरुष के साथ सेक्स संबंध बनाने के नतीजों को लेकर वो वाकिफ होगी.
कोर्ट ने कहा है कि अगर सेक्स संबंध आपसी सहमति से बनाए जाते हैं और ये सहमति धोखे से हासिल की गई होती है तो यह बलात्कार की श्रेणी में आता है लेकिन सभी मामलों में शादी का वादा करना इसकी वजह हो, ऐसा नहीं कहा जा सकता. यह अलग-अलग मामलों के तथ्यों पर निर्भर करता है.
कोर्ट ने ‘बलात्कार’ के एक मामले को खारिज करते हुए अपने फैसले में ये बातें कही हैं. जस्टिस संजय कुमार गुप्ता ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि यह सिर्फ शादी के वादे को लेकर विश्वासघात करने का मामला है. इस विश्वासघात से पहले दोनों के बीच सेक्स संबंध थे. ये सेक्स संबंध आपसी सहमती के श्रेणी में आ सकते हैं ना कि सेक्शन 376 के अंतर्गत परिभाषित बलात्कार की श्रेणी में.
मौजूदा मामले में भारतीय सेना का एक जवान आरोपी है. उसने हाई कोर्ट में अपने खिलाफ दायर की गई एफआईआर को खारिज करने की अपील की थी. एफआईआर में शिकायकर्ता ने उसके ऊपर आरोप लगाया था कि आरोपी ने शादी का वादा कर उसके साथ सेक्स संबंध बनाए हैं.
कोर्ट ने कहा है कि शिकायतकर्ता के मुताबिक वो 2010 से आरोपी के साथ प्रेम संबंध में हैं. कोर्ट ने टिप्पणी की है, “आजकल ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें लड़के-लड़कियों के बीच प्रेम संबंध रहते हैं. वे आपस में यौन संबंध भी बनाते हैं और बाद में उनके बीच रिश्ता टूट जाता है. इसमें कोई शक नहीं कि ऐसे संबंध आपसी सहमति से बनाए गए होते हैं क्योंकि वे एक-दूसरे के प्यार में होते हैं.”