झारखंड में बीजेपी सरकार ने लाखों असली राशन कार्ड रद्द कर दिए: रिपोर्ट


jharkhand govt cancelled lakhs of genuine ration card

 

झारखंड में सरकार द्वारा 2016 से लेकर 2018 के बीच रद्द किए गए 90 फीसदी राशन कार्ड असली थे. अब्दुल लतीफ जमील पोवर्टी एक्शन लैब द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है. रद्द किए गए आधार कार्ड में 56 प्रतिशत आधार कार्ड से नहीं जुड़े थे.

यह अध्ययन तब सामने आया है जब झारखंड सरकार दूसरे और राशन कार्ड रद्द करने की तैयारी कर रही है.

कुछ अनुमानों के मुताबिक 2015 से लेकर 2019 के बीच झारखंड में 23 लोगों की मौत भूखमरी और सब्सिडी वाला अनाज ना मिलने की वजह से हुई. अक्टूबर 2017 में झारखंड के सिमडेगा जिले में एक 11 साल की लड़की भूख से मर गई थी. उसके परिवार का राशन कार्ड आधार से ना जुड़े होने की वजह से रद्द कर दिया गया था.

2017 में राज्य की बीजेपी सरकार ने लाखों राशन कार्ड को नकली बताकर रद्द कर दिया था. सरकार ने राशन कार्ड को आधार से जोड़ने के लिए 5 अप्रैल 2017 की तारीख तय की थी. इसके बाद सरकार ने करीब सात लाख राशन कार्ड रद्द कर दिए.

जाने माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड सरकार ने कभी भी रद्द किए गए राशन कार्ड की आधिकारिक सूची जारी नहीं की. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड रद्द करने का पैमाना पूरी तरह से अस्पष्ट था.

उन्होंने कहा कि राशन कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की कमी पूरे ऑपरेशन को आपत्तिजनक बनाती है.


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