ब्रिटेन की अदालत ने संसद निलंबित करने के जॉनसन के फैसले को गैरकानूनी बताया
ब्रिटेन की संसद को निलंबित करने के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के फैसले को स्कॉटलैंड की एक अदालत ने ‘गैरकानूनी’ करार दिया. हालांकि, अदालत ने जॉनसन के इस फैसले को पलटने के संबंध में कोई आदेश नहीं दिया.
प्रधानमंत्री जॉनसन ने संसद को निलंबित करने का फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने में दो महीने से भी कम वक्त रह गया है.
स्कॉटलैंड के कोर्ट ऑफ सेशन के तीन न्यायाधीशों की समिति ने जॉनसन के कदम को चुनौती देने वाले राजनीतिकों के समूह के पक्ष में फैसला सुनाया. जॉनसन ने ब्रेक्जिट पर मतदान को लेकर बार-बार मिली हार के बीच ब्रिटेन की संसद को इस हफ्ते निलंबित कर दिया था.
न्यायाधीशों ने अपने निष्कर्ष में कहा कि संसद का निलंबन ‘संसदीय कामकाज को बाधित करने के अनुचित मकसद’ से प्रेरित है.
इस आदेश में कहा गया, “अदालत इस अनुसार आदेश देती है कि प्रधानमंत्री की महारानी को दी गई सलाह और उसके बाद हुआ सत्रावसान गैरकानूनी है और इसलिए यह प्रभावी नहीं होगा.”
इस संबंध में पूर्ण आदेश 13 सितंबर को जारी किया जाएगा.
इस फैसले ने अदालत के पूर्व के उस फैसले को पलट दिया जिसमें पिछले हफ्ते कहा गया था कि जॉनसन ने कोई कानून नहीं तोड़ा है.
ब्रिटेन सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम आज के फैसले से निराश हैं और ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे.
“ब्रिटेन सरकार को एक मजबूत घरेलू वैधानिक एजेंडा लाने की जरूरत है. इस पर अमल करने के लिए संसद का सत्रावसान करना कानूनी एवं जरूरी रास्ता है.”
इस आदेश से संसद के वर्तमान निलंबन पर तत्काल कोई असर नहीं होगा क्योंकि अदालत की तरफ से निलंबन के संबंध में कोई आदेश नहीं दिया गया है.
मामले में पूर्ण सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 17 सितंबर से शुरू होगी.
ब्रिटेन के सांसदों को 14 अक्टूबर तक फिलहाल संसद नहीं लौटना है. 14 अक्टूबर को जब वे लौटेंगे तो महारानी के भाषण के जरिए जॉनसन की वैधानिक योजनाओं को सामने रखा जाएगा. इस बीच ब्रिटेन को 31 अक्टूबर को यूरोपीय संघ से अलग होना है.