रोहिंग्या मुसलमानों के कत्लेआम को सामने लाने वाले पत्रकारों को मिला पुलित्जर पुरस्कार


journalists got pulitzer prize for revealing rohingya massacre

  Amnesty India

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के जेल में बंद दो पत्रकारों को अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग के लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार एक बौद्ध गांव और म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा दस रोहिंग्या मुसलमानों के कत्लेआम को दुनिया के सामने लाने के लिए मिला है.

वा लोन और क्वाय सोऊ नाम के ये दोनों पत्रकार पिछले 490 दिनों से इस कत्लेआम को सामने लाने के लिए जेल में बंद हैं. दोनों को दिसंबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था और म्यांमार के गोपनीयता कानून के उल्लंघन के आरोप में उन्हें सात साल की सजा सुनाई गई थी.

रॉयटर्स के प्रमुख संपादक स्टीफेन जे एडलर ने कहा, “मैं इस बात को लेकर खासा रोमांचित हूं कि वा लोन और क्वाय सोऊ के असाधारण और साहसपूर्ण कार्य को पहचान मिली.”

उन्होंने आगे कहा कि वे इस बात को लेकर दुखी हैं कि उनके दोनों बहादुर रिपोर्टर अभी भी सलाखों के पीछे हैं.

वहीं रॉयटर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिम स्मिथ ने कहा,”जब तक वा लोन और क्वाय सोऊ को रिहा नहीं किया जाएगा तब तक हम जश्न नहीं मनाएंगे.”

दोनों पत्रकार म्यांमार के निवासी हैं. दोनों को म्यांमार के एक गांव में कई कब्रें मिली थीं. इन कब्रों से हड्डियां बाहर निकलती दिख रही थीं. दोनों ने छानबीन करके और मारे गए लोगों के परिवार वालों से बात करके इस कत्लेआम का खुलासा किया था.


Big News