पीएम की ‘आशा योजना’ से किसानों में निराशा, केवल तीन फीसदी लक्ष्य हुआ पूरा


just 3% of pulses, seeds procured under targeted  PM-AASHA scheme

 

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा योजना) के तहत सरकार चालू मौसम में किसानों से तय लक्ष्य का केवल तीन फीसदी खरीद कर पाई है. दलहन और तिलहन फसल का किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए केन्द्र सरकार ने यह योजना शुरू की थी.

केंद्र सरकार की इस योजना के तहत कुल 37.59 लाख मिट्रिक टन दलहन और तिलहन सरकार किसानों से खरीदने वाली थी. जबकि अभी तक 1.08 लाख टन दलहन व तिलहन की खरीद ही हो पाई है.  तीन दिसंबर को लोकसभा में पेश डाटा में यह खुलासा हुआ है.

योजना को अपनाने वाले 11 राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा में अबतक खरीदारी भी  शुरू नहीं हो पाई है.

पीएम-आशा योजना की घोषणा सितंबर 2018 में की गई थी. इस योजना के तहत किसानों से हर साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन व तिलहन की खरीदारी सरकार के द्वारा की जानी थी.

केंद्र सरकार ने योजना के मद में 15,053 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी जो कि दो साल के लिए है. इसके अलावा 16,550 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी प्राइवेट एजेंसियों के लिए था.

योजना की शुरुआत में मंत्रिमंडल के बयान में कहा गया था, ‘सरकार एक समग्र प्रयास के साथ काम कर रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि, किसानों को घोषणा किए हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलना चाहिए, यह ज्यादा जरूरी है.’

इस मौसम के मुख्य दलहन व तेलहन मूंग, उरद, अरहर, मूंगफली और सोयाबीन हैं. मॉनसून देर से आने से इन अनाजों की बुआई और कटाई दोनों में निर्धारित से अधिक समय लगा है. खासकर अरहर और तुर दाल के लिए. यही वजह है कि खरीदारी भी फरवरी के महीने तक चलती रहेगी.


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