दिल्ली हिंसा पर सुनवाई कर रहे जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला
दिल्ली हिंसा रोकने में असफल रही दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया है.
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हिंसा की घटना में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बुधवार को काफी क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रण में रही.
जस्टिस मुरलीधर के तबादले का नोटिफिकेशन केंद्र सरकार ने बुधवार रात जारी किया. सुप्रीट कोर्ट द्वारा तबादले की अनुशंसा 12 फरवरी को की गई थी लेकिन नोटिफिकेशन दो हफ्ते बाद जारी किया गया है.
इसके बाद 19 फरवरी को बार एसोसिएशन ने जस्टिस मुरलीधर का तबादला करने के निर्णय की निन्दा की और कहा था कि इस तरह के तबादले संस्था के लिए हानिकारक हैं.
जस्टिस मुरलीधर अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज का कार्यभार संभालेंगे.
जस्टिस मुरलीधर ने सितंबर, 1984 में चेन्नई में वकालत शुरू की और 1987 में दिल्ली आकर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत करने लगे थे. वह सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति में सक्रिय थे और दो बार इसके सदस्य भी रह चुके थे.
जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने बुधवार को नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के संबंध में एफआईआर दर्ज करने को लेकर सचेत निर्णय लेने के लिए कहा. इन नेताओं में बीजेपी के अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और अभय वर्मा के अलावा दूसरे नेता भी शामिल हैं.
साथ ही बेंच ने कहा ‘कमिश्नर को ललिता कुमारी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज ना करने के परिणामों को गंभीरता से समझना चाहिए. कोई भी कानून के ऊपर नहीं है.’