कश्मीरियों की जिंदगी मोबाइल सेवाओं से अधिक महत्वपूर्ण: राज्यपाल


more is happening in country that is not being showed says satyapal malik

 

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने घाटी में संचार पाबंदी का यह कहते हुए बचाव किया कि कश्मीरियों की सुरक्षा मोबाइल सेवाओं से अधिक महत्वपूर्ण है और आतंकवादी अपनी गतिविधियां चलाने और कट्टरता फैलाने के लिए मोबाइल सेवाओं का उपयोग करते हैं.

कश्मीर में सुबह से मोबाइल फोनों की घंटियां बजने लगीं और 40 लाख पोस्टपेड उपभोक्ता 72 दिनों बाद देश, घाटी और आसपास में अपने परिवारों एवं दोस्तों से जुड़ गए. इंटरनेट सुविधाएं अभी बहाल नहीं की गई हैं.

मलिक ने कठुआ में एक कार्यक्रम में कहा, ”लोग शोर मचाते थे कि टेलीफोन नहीं है. हमने टेलीफोन सेवाएं बंद कर दी थी क्योंकि आतंकवादी अपनी गतिविधियों, अपने पक्ष में सहयोग जुटाने और कट्टरता फैलाने के लिए उनका उपयोग कर रहे थे.”

उन्होंने कहा, ”हमारे लिए, कश्मीरियों की जिंदगी महत्वपूर्ण है ना कि टेलीफोन. लोग पहले भी बिना टेलीफोन के रह रहे थे.”

उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन सेवाएं अब बहाल हो गई हैं. लोग अपनी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि पर्यटक भी घाटी में आने लगे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि इंटरेनट सेवाएं शीघ्र ही बहाल की जाएंगी.

राज्यपाल ने कहा, ”युवकों और युवतियों को पहले दिक्कतें हो रही थीं लेकिन अब वे एक दूसरे से बातचीत कर सकते हैं. अब कोई मुद्दा नहीं है. शीघ्र ही हम इंटरनेट सेवाएं बहाल करेंगे.”

उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है और पिछले दो महीने से अधिक समय में कोई हिंसा नहीं हुई है.

उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में घाटी में एक भी गोली नहीं चली और कोई प्रदर्शन नहीं हुआ, इसका सारा श्रेय सुरक्षाबलों को उनकी कड़ी चौकसी की वजह से जाता है.

मलिक ने कहा, ”प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने इसके लिए मुझे बधाई दी. मैंने कहा कि मैं इस प्रशंसा का पात्र नहीं हूं, आपको कानून व्यवस्था अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए कदम उठाने को लेकर कश्मीर लोगों और पुलिस बलों को धन्यवाद देना चाहिए .”

उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस को देश में सर्वश्रेष्ठ पुलिस बलों में एक बताया और उन्हें दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाने का वादा किया.


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