ब्रेग्जिट: विपक्ष दोबारा जनमत संग्रह करवाने के पक्ष में
ब्रेग्जिट संकट गहराता जा रहा है. अब ब्रिटेन के मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी ने घोषणा की है कि वो इस मुद्दे पर नए सिरे से जनमत संग्रह का प्रयास करेगी.
लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा है कि वो ऐसी पहल का समर्थन करेंगे, जिससे ब्रिटेन के लोगों को ब्रेग्जिट मुद्दे पर दोबारा मत देने का मौका मिले. इससे पहले संसद ने प्रधानमंत्री टेरीजा मे के ब्रेग्जिट प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि सरकार अपनी योजना के लिए संसद को राजी नहीं कर पाई, जिसके बाद उनकी पार्टी ने ऐसा निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि वे देश को ‘हार्ड ब्रेग्जिट’ से बचाना चाहते हैं.
ब्रेग्जिट की समय सीमा आगामी 29 मार्च को समाप्त हो रही है. अगर तब तक ब्रिटेन की संसद में इसको लेकर कोई सहमति नहीं बनती है तो अपने आप ब्रेग्जिट की स्थिति बन जाएगी. ये यूरोपीय संघ की शर्तों पर लागू होगी. इसे हार्ड ब्रेग्जिट कहा जा रहा है.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने यूरोपीय अधिकारियों के साथ जो समझौता किया था, उसे लेकर वो संसद में गईं थी, जहां उसे सिरे खारिज कर दिया गया था.
हाउस ऑफ कॉमन्स में समझौते के पक्ष में 202 वोट पड़े जबकि 432 सांसदों ने इसका विरोध किया. लेबर पार्टी की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है, “लेबर पार्टी ऐसे किसी सुधार का समर्थन करेगी जिससे टोरी के नुकसान पहुंचाने वाले ब्रेग्जिट को देश पर थोपने से बचाया जा सके.”
लेबर पार्टी की ओर से कहा गया है कि हम देश को इस ब्रेग्जिट से बचाने के लिए हर संभव उपाय करेंगे.
उधर प्रधानमंत्री की कंजरवेटिव पार्टी ने लेबर पार्टी पर जनादेश के साथ धोखेबाजी करने का आरोप लगाया है. कंजरवेटिव पार्टी की ओर से कहा गया, “लेबर पार्टी अपने वादे से मुकर रही है और अब नए सिरे जनमत कराने की बात कह रही है, ये हमें पीछे धकेलने वाला होगा.”
इससे पहले प्रधानमंत्री टेरीजा मे दोबारा जनमत कराने की मांग को सिरे से नकार चुकी हैं. अब अगर वो इस बात को मान ले तो ये सीधे तौर पर संभव नहीं होगा. जानकारों का मानना है कि दोबारा जनमत संग्रह कराने में मार्च की तयशुदा समय सीमा समाप्त हो जाएगी. इसके लिए सरकार को समय सीमा बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ जाना होगा.