मध्य प्रदेश डायरी: खतों-किताबत में परवान चढ़ रही राजनीति


letter politics of madhya pradesh

 

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस नेताओं ने तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बहुत खत लिखे और सरकार को घेरा. राजनीति का यह अंदाज अब भी जारी है. बस थोड़ी तस्‍वीर उलट हुई है. अब विपक्ष में बैठे शिवराज सिंह चौहान खत लिख रहे हैं. संबोधन मुख्‍यमंत्री कमलनाथ को है. इतना ही नहीं कांग्रेस नेता भी मुख्‍यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं और इस तरह खतों के जरिए मध्य प्रदेश की राजनीति परवान चढ़ रही है.

बीते सप्‍ताह मप्र में शिवराज सिंह चौहान का मुख्‍यमंत्री कमलनाथ को लिखा खत चर्चा में रहा. शिवराज ने इसमें आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही आपराधिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण मिलना शुरू हो गया है.

इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस के हौसले ध्वस्त. जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ‘यह जरूर सच है कि पिछले कई सालों से गुंडे-अपराधियों का मनोबल और हौसल बढ़ा हुआ है, जिसे वर्तमान सरकार जड़ से खत्म करके रहेगी.’

पक्ष विपक्ष के इस खतो-किताबत के बीच कांग्रेस सांसद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और विवेक तन्‍खा के खत भी चर्चा में रहे. दोनों ने ही मुख्‍यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखे. सिंधिया ने ग्‍वालियर के चर्चित मेले में छूट का प्रावधान करने का आग्रह किया था जिसे कमलनाथ ने तुरंत मान भी लिया.

राज्‍यसभा सदस्‍य तन्‍खा ने जबलपुर क्षेत्र का पर्याप्‍त विकास न होने की बात कहते हुए आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट की बैठक जबलपुर में करें ताकि यह क्षेत्र विकास के केन्‍द्र में आ सके. महाकौशल क्षेत्र में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में अच्‍छा प्रदर्शन किया था. तन्‍खा ने लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी इस क्षेत्र पर ध्‍यान देने की बात कह कर राजनीति को हवा दी है.

कांग्रेस को घेरने के फेर में खुद घिर गई बीजेपी

मंदसौर में बीजेपी नेता और न‍गर पालिका अध्‍यक्ष प्रहलाद बंधवार की सरेराह हुई हत्या के मामले में कांग्रेस सरकार को घेरने के फेर में खुद बीजेपी घिर गई.
इंदौर में एक व्‍यापारी की हत्‍या के बाद मंदसौर में अपने नेता की हत्‍या होने पर बीजेपी नेता एकदम सक्रिय हो गए. उन्‍होंने कांग्रेस सरकार में अपराध बढ़ने का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया.

पूर्वमुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष राकेश सिंह ने मंदसौर जाने की घोषणा भी कर दी. बीजेपी ने प्रदेश भर में प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिया, लेकिन जैसे ही पुलिस ने आरोपी की पहचान की बीजेपी बैकफुट पर और कांग्रेस फ्रंटफुट पर आ गई.

पुलिस के अनुसार आरोपी मनीष बैरागी की बंधवार से जमीन को लेकर कहासुनी हुई थी. मनीष भी बीजेपी नेता है. कांग्रेस ने उसके बीजेपी विधायक सहित अन्‍य नेताओं के साथ वाले फोटो वायरल कर मांग रख दी कि कांग्रेस सरकार को कोसने वाली बीजेपी पहले हत्‍या के आरोपी की प्राथमिक सदस्‍यता खत्‍म करे फिर कांग्रेस से सवाल पूछे.

कांग्रेस ने दो साल पहले इंदौर में बीजेपी नेताओं द्वारा की गई एक युवती की हत्‍या का मामला उठाते हुए बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर दिया कि वह अपराधियों को संरक्षण देती है.

अफसरशाही को कमलनाथ ने दिखाया आईना

मप्र के आईएएस अफसर साल में एक बार तीन दिनों के लिए सर्विस मीट आयोजित करते हैं. इस दौरान खेल, सांस्‍कृतिक गतिविधियों का आयोजन कर वे तनावमुक्‍त होते हैं. मुख्‍यमंत्री इस मीट का शुभारंभ करते हैं.

बीते सालों में मीट का शुभारंभ करते हुए तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री शिवराज शरीर, बुद्धि, मन और आत्‍मा के सुख की बात कर कार्य से मिलने वाली संतुष्टि के पैमाने बताया करते थे. इस बार मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने भी कार्य से मिलने वाले संतोष की बात कही.

उन्होंने कहा कि सफलता और संतुष्टि में बड़ा अंतर होता है. किसी पद को प्राप्त करने की सफलता संतुष्टि का आधार नहीं होती. संतुष्टि सफल परिणामों से मिलती है. यही मेरे जीवन का सबसे बड़ा फंडा है और मैं संतुष्टि के लिए काम करता हूं.

इतना कहते-कहते मुख्यमंत्री ने अफसरों को आईना भी दिखा दिया. उन्‍होंने कहा कि हमारे यहां योजनाएं बुरी नहीं हैं, उनका क्रियान्‍वयन ठीक नहीं है. अब आप लोग योजनाओं को मैदानी स्‍तर पर सफल बनाने का काम करें. नाथ का संकेत साफ था कि नई सरकार में पुरानी योजनाओं पर नया मुलम्‍मा चढ़ाने से काम नहीं होगा बल्कि ठोस काम करना होगा तभी अफसरी बनी रहेगी.

फेक न्‍यूज की शिकार हो गई कलेक्‍टर

कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी करते हुए 52 जिलों में से 20 के कलेक्‍टरों को बदल दिया. ऐसे में बीजेपी सरकार के समय कलेक्‍टरी पाए लेकिन फेरबदल से बचे रह गए अफसर कई लोगों की निगाहों में चढ़ गए. ऐसे अफसरों के खिलाफ ढूंढ़ कर सबूत भोपाल पहुंचाए जा रहे हैं ताकि उनको पद से हटाया जा सके.

शहडोल कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव भी ऐसी ही एक अधिकारी हैं. उनको लेकर एक कथित चैट वायरल हुआ. इस चैट में अनुभा अपनी जूनियर अधिकारी पूजा तिवारी से बीजेपी को जिताने के लिए कुछ भी करने के लिए कह रही हैं साथ ही वह कह रही हैं कि ‘अगर चुनाव बाद तुम्हें तुरंत एसडीएम का चार्ज संभालना है तो किसी भी तरह बीजेपी को जिताओ.
इस चैट के सामने आने के बाद अनुभा के खिलाफ मुहिम तेज हो गई मगर जांच के बाद मुख्‍य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने इसे फेक स्‍क्रीन शॉट बताते हुए चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी.

अफसरों के खिलाफ इस मुहिम की तो हवा निकल गई लेकिन अफसरों में ऐसे हमलों को लेकर खौफ जरूर है.


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