लोकसभा चुनाव: यूपी में समीकरण SP-BSP गठबंधन के पक्ष में


lok sabha election: opposition is gaining more in up

 

इस आम चुनाव के छठे चरण के बाद उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 67 पर मतदान हो चुका है. इसमें से छठे चरण की 14 सीटों पर बीजेपी और अपना दल के गठबंधन ने बीते लोकसभा चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज की थी. इस दौरान सिर्फ आजमगढ़ की एक सीट पर एसपी नेता मुलायम सिंह जीत दर्ज करने में सफल हो सके थे.

वेबसाइट न्यूज़ क्लिक के मुताबिक लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में साफ नजर आया कि बीजेपी के मतदाता गठबंधन की ओर खिसक रहे हैं.

अगर 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो गठबंधन के दलों (एसपी,बीएसपी,आरएलडी) को कुल मिलाकर 51 फीसदी वोट मिले थे. जबकि बीजेपी और इसके सहयोगियों को सिर्फ 37 वोटों से संतोष करना पड़ा था. इस हिसाब से देखें तो गठबंधन की जीत साफतौर पर नजर आ रही है.

वोटों का गणित कहता है कि छठे चरण की 14 में से 12 सीटों पर गठबंधन की जीत होने की संभावना सबसे अधिक है. और अगर इनमें 2.5 फीसदी वोटों के स्विंग की बात करें तो बीजेपी का खाता खुलना भी मुश्किल हो जाएगा.

अब तक जिन 67 सीटों पर मतदान हो चुका है, पिछली बार बीजेपी उनमें से 60 सीटों को अपने खाते में लाने में सफल रही थी. लेकिन इस बार जो स्थिति है उसके मुकाबले बीजेपी सिर्फ 16 सीटों पर जीत दर्ज करती हुई नजर आ रही है.

जानकार जिस 2.5 फीसदी के वोट स्विंग होने की बात कर रहे हैं, उसकी वजह कई मोर्चों पर केंद्र और राज्य सरकार की असफलता है. इसमें कृषि संकट, नोटबंदी और जीएसटी की वजह से छोटे व्यापारियों को हुआ नुकसान और दूसरे फैक्टर शामिल हैं.

अगर जातिगत आंकड़ों पर नजर डालें तो ये पूरी तरह से गठबंधन के पक्ष में जाते हुए नजर आते हैं. इस गठबंधन की दोनों बड़ी पार्टियां एसपी और बीएसपी जातिगत आंकड़ों में बीजेपी पर भारी पड़ रही हैं. आरएलडी भी इस गठबंधन का महत्वपूर्ण घटक है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी काफी लोकप्रिय पार्टी है.

वैसे जातिगत आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने भी कई छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन बना रखा है. इनमें अपना दल, निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जैसी पार्टियां शामिल हैं. वैसे ये दल अक्सर बगावत का रुख दिखाते रहे हैं. बीजेपी बड़ी मुश्किल से इनको अपने साथ जोड़कर रखे हुए है.

अगर सिर्फ छठे चरण तक की बात करें तो बीजेपी पिछली 44 जीती हुई सीटें हारती नजर आ रही है. यूपी केंद्र सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, अगर इस लिहाज से देखें तो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में बहुत मुश्किलें आने वाली हैं. जबकि बीजेपी की हालत दूसरे राज्यों में कुछ बेहतर नहीं है.


Big News