लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने बनाया अमर्त्य सेन के सम्मान में अकादमिक पद
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) ने प्रोफेसर अमर्त्य सेन को गैर-बराबरी के क्षेत्र में किए गए उनके कामों के लिए सम्मानित करते हुए ‘अमर्त्य सेन चेयर इन इनइक्वैलिटी स्टडी’ नाम से एक नया अकादमिक पद बनाया है.
भारत में जन्मे अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन साल 1971-82 तक एलएसई में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रह चुके हैं.
प्रोफेसर सेन इस पद पर रहते हुए एलएसई में इंटरनेशनल इनइक्वैलिटी इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष के तौर पर भी कार्य करेंगे. यह संस्थान गैर-बराबरी से जुड़े विभिन्न विषयों पर काम करता है.
गैर-बराबरी से जुड़े विषयों पर किए गए अपने कामों के लिए प्रोफेसर सेन दुनिया भर में जाने जाते हैं. साथ ही मौजूदा समय में प्रोफेसर सेन इस विषय के महान विचारक हैं. एलएसई की अध्यक्ष मोनसे शफीक ने बताया,”अमर्त्य सेन को चेयर की पदवी देकर संस्थान उनके द्वारा किए गए कामों के लिए उन्हें सम्मानित करना चाहता है.”
प्रोफेसर सेन ने साल 1998 में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार अपने नाम किया था. इसके अलावा प्रोफेसर सेन को साल 2012 में नेशनल ह्यूमैनिटीज मेडल से भी सम्मानित किया गया था.
इसके साथ ही प्रोफेसर सेन सहिष्णुता समेत भारत से जुड़े तमाम विषयों पर मुखर होकर अपने विचार रखते रहे हैं. इस साल के शुरुआत में ही उन्होंने केंद्र सरकार की यह कहते हुए आलोचना की थी कि आयुष्मान भारत में लगा पैसा प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एनडीए और बीजेपी दोनों ही सरकारों ने प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को नजरअंदाज किया है.