‘महाविकास आघाड़ी’ ने सरकार बनाने का पेश किया दावा, उद्धव लेंगे 28 नवंबर को शपथ
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने 26 नवंबर की शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे को अपना नेता चुना. इसके बाद गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और ‘महाविकास आघाड़ी’ की सरकार बनाने का दावा पेश किया.
गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल को 166 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र सौंपा. राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में उनसे विधानसभा में बहुमत के समर्थन वाली एक ‘सूची’ तीन दिसंबर तक सौंपने के लिए कहा है.
राजभवन के एक बयान के मुताबिक, राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में कहा, ”मैंने देखा है कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के पास 166 निर्वाचित सदस्य हैं. ”
बयान में कहा गया है कि क्योंकि उद्धव महाराष्ट्र विधानमंडल के सदस्य नहीं हैं इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर सदस्य बनना होगा.
कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं के साथ राज्यपाल से भेंट करने वाले शिवसेना के एक नेता ने बताया कि ठाकरे दादर में शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को शाम छह बजकर 40 मिनट पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
इससे पहले, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तीनों दलों की संयुक्त बैठक में घोषणा की थी कि नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह एक दिसंबर को होगा, लेकिन उद्धव के राज्यपाल से मिलने के बाद कार्यक्रम में बदलाव किया गया.
ठाकरे परिवार से उद्धव पहले ऐसे नेता होंगे जो राज्य में शीर्ष राजनीतिक पद का प्रतिनिधित्व करेंगे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ”सरकार गठन के बाद मैं अपने ‘बड़े भाई’ से मिलने दिल्ली जाऊंगा.” मोदी ने चुनावी रैलियों के दौरान उद्धव को ”अपना छोटा भाई” बताया था.
तीनों दलों ने एक होटल में संयुक्त बैठक की जहां ठाकरे को गठबंधन का नेता चुना गया.
बैठक में शरद पवार, एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, समाजवादी पार्टी के अबू आजमी, तीनों दलों के विधायक तथा अन्य मौजूद थे.
बैठक में उद्धव ठाकरे ने अपने पिता बाल ठाकरे को भी याद किया.
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार का भी शुक्रिया अदा किया.
ठाकरे ने कहा, ”मैं सोनिया जी का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. अलग विचाराधारा वाले दल साथ आए हैं…जो 30 साल से दोस्त थे, हम पर भरोसा नहीं किया. लेकिन जिनके खिलाफ हम 30 साल लड़ते रहे , उन्होंने मुझ पर भरोसा किया.”
उन्होंने कहा कि आम लोगों को इसे अपनी सरकार मानना चाहिए.
ठाकरे ने कहा, ”लड़ाई निजी नहीं है….मेरी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी.”
इससे पहले दिन में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
तीनों दलों की 26 नवंबर की शाम हुई संयुक्त बैठक में अजित पवार नजर नहीं आए. अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.