बीजेपी के वादे या मुंगेरीलाल के हसीन सपने?


manifesto of bjp seeks to spend hundred lakh crore on infrastrutre

 

भारतीय जनता पार्टी ने आज ‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’ शीर्षक से अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. 2019 लोकसभा चुनाव के लिए जारी इस घोषणा पत्र में बहुत से वादे किए गए हैं. इन वादों में एक वादा पांच सालों में आधारभूत ढांचे पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करना भी है.

बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में लिखा, “2024 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हम 100 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश करेंगे.” बीजेपी का यह वादा बहुत भारी-भरकम लगता है. इस वादे से प्रतीत होता है कि बीजेपी को बजट की समझ नहीं है.

वित्त वर्ष 2019-20 का कुल बजट लगभग 28 लाख करोड़ रुपये है. इसमें बीजेपी का कहना है कि वो 20 लाख करोड़ रुपये केवल आधारभूत ढांचे को विकसित करने में खर्च करेगी.

बाकी के आठ लाख करोड़ रुपये स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा, कृषि, सरकारी कर्मचारियों के वेतन, गरीबों को मिलने वाली सब्सिडी, नदियों की सफाई, खाद्य सुरक्षा, गरीबों को आवास और प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं पर खर्च होंगे. इन आठ लाख करोड़ रुपयों में दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को प्रति साल छह हजार रुपये भी दिए जाएंगे. इसके साथ ही सरकार को पांच लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वालों को आयकर से छूट भी देनी है.

क्या यह मुमकिन है? एक सामान्य बुद्धि का व्यक्ति इसे असंभव ही बताएगा. सरकार के समर्थक कह सकते हैं कि बजट बढ़ाकर इसे आसानी से हासिल किया जा सकता है, मोदी सरकार ने हर साल बजट में बढ़ोतरी की है. मसलन अगर 2019-20 का बजट लगभग 28 लाख करोड़ रुपये है तो 2018-19 का लगभग 24 लाख करोड़ रुपये था. इससे पहले वाले वित्त वर्ष में यह लगभग 21 लाख करोड़ रुपये था.

मतलब हम मान लेते हैं कि सरकार हर साल बजट में तीन से चार लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी करेगी. इस हिसाब से पांच साल में 15 से 20 लाख करोड़ रुपये की कुल वृद्धि होगी. पांच साल का कुल बजट 140 लाख करोड़ रुपये के आस पास बैठेगा और सरकार इसमें से 100 लाख करोड़ रुपये केवल आधारभूत ढांचे को विकसित करने में लगा देगी. मतलब यह किसी अतिशयोक्ति से कम तो नहीं है.

केंद्र की बीजेपी सरकार की छवि एक मजबूत राष्ट्रवादी सरकार की है. सरकार का कहना होता है कि वो देश की रक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी. इस वित्त वर्ष में सरकार ने रक्षा बजट में 6.87 फीसदी का इजाफा करते हुए इसे लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये कर दिया. पिछले वित्त वर्ष में यह लगभग तीन लाख करोड़ रुपये ही था.

इस बढ़ोतरी को लेकर अनुमान लगाएं तो पांच साल में कुल रक्षा बजट लगभग बीस लाख करोड़ रुपये होगा. अब अगर सरकार आधारभूत ढांचे 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी और तमाम दूसरी चीजों पर भी लाखों करोड़ों खर्च होंगे तो फिर डिफेंस पर खर्च करने के लिए सरकार के पास पैसा कहां से आएगा.

अब फिर से वही प्रश्न पूछा जाना चाहिए कि क्या यह मुमकिन है. नहीं! बिल्कुल भी नहीं!! सरकार बस मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखा रही. बाकी कहने वाले कह सकते हैं कि मोदी है तो सब मुमकिन है!


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