चीन और पाकिस्तान के बीच मुलाकात में भारत से बेहतर संबंध बनाने को लेकर चर्चा
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 28 अप्रैल को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गत 14 फरवरी को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में हुई है.
इस मुलाकात के जरिए जिनपिंग ने उम्मीद जताई कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद अपने तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से मिल सकते हैं.
इस बैठक में दोनों नेताओं ने दक्षिण एशिया में स्थितियों पर भी अपने विचार साझा किए.
इस बैठक में भारत-पाकिस्तान संबंधों को कथित तौर पर प्रमुखता से उठाया गया. जिनपिंग ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान और भारत संबंधों को सुधारने के लिए एक दूसरे से मिल सकते हैं.
इमरान खान 25 अप्रैल को चीन पहुंचे थे और उन्होंने 25 से 27 अप्रैल तक आयोजित चीन के दूसरे बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) में भाग लिया था.
वहीं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर विरोध जताते हुए भारत ने दूसरी बैठक में भी भाग नहीं लिया.
चीन और पाकिस्तान ने 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारे (सीपीईसी) के तहत विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन परियोजनाओं में कराची-पेशावर रेलवे लाइन को उन्नत बनाना, मुक्त व्यापार समझौते के दूसरे चरण की शुरुआत और समुद्र तट से इतर स्थित बंदरगाह (ड्राई पोर्ट) बनाना शामिल हैं.
ये समझौते सीपीईसी के अगले चरण के तहत किए गए.