शाहीन बाग पहुंचे वार्ताकार, मीडिया के सामने बातचीत को लेकर मतभेद
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए वार्ताकारों ने शाहीन बाग पहुंचकर कहा कि हम सब नागरिक हैं और एक दूसरे की बात सुनना जरूरी समझते हैं, सुप्रीम कोर्ट भी यही चाहता है.
शाहीन बाग पहुंचने के बाद वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. लेकिन वार्ताकारों ने इस बीच मीडिया की मौजूदगी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मीडिया के सामने बातचीत करना संभव नहीं है.
इस बीच संजय हेगड़े ने मंच पर पहुंचकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी सुनाया. उन्होंने कहा कि हम यहां बातचीत के लिए आए हैं कोई फैसला सुनाने नहीं आए हैं.
शाहीन बाग की कुछ प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि सारी बातचीत मीडिया की मौजूदगी में हो.
सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वकील साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को वार्ताकार नियुक्त किया था. ये लोग इन सभी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करेंगे और जिस सड़क पर प्रदर्शनकारी बैठे हैं, उसको खुलवाने की भी कोशिश करेंगे.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी सड़कों को ब्लॉक और लोगों के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते. कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस भी जारी किए थे. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 24 फरवरी को करेगा.
प्र्दशनकारियों ने कहा कि ‘वार्ताकारों का हम स्वागत करते हैं और उनकी बात भी सुनेंगे, लेकिन हमारी मांग यही होगी कि सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले. साथ ही अभी तक जितने भी प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उनको हटाया जाए और उत्तरप्रदेश में जिस तरह बच्चों की हत्या हुई है, उनके परिवार को मुआवजा मिले या पेंशन मिले. सरकार अगर हमारी मांगें पूरी नहीं करती है तो हम ऐसे ही बैठे रहेंगे.