मॉब लिंचिंग के खिलाफ नई दिल्ली सहित कई शहरों में प्रदर्शन


Modi breaks silence on mobs lynching, exhibits in many cities including New Delhi

 

झारखंड में मॉब लिंचिंग में एक मुस्लिम युवक की हत्या पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इससे उन्हें पीड़ा पहुंची है और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. साथ ही उन्होंने झारखंड को भीड़ की हिंसा (मॉब लिंचिंग और मॉब वायलेंस) का अड्डा बताने और एक घटना की वजह से पूरे राज्य के नागरिकों को कटघरे में खड़ा करने को अनुचित बताया.

मोदी ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा भी मिलनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि जो लोग बुरा करते हैं उन्हें अलग-थलग किया जाए और न्यायिक प्रक्रिया के तहत इंसाफ होने देना चाहिए.

उन्होंने इस समस्या के समाधान का जिक्र करते हुए कहा कि अपराध होने पर न्यायिक व्यवस्था है और इसके लिए हमें जितना कुछ करना जरूरी हो वह सब कुछ करना चाहिये.

सोशल मीडिया पर शेयर एक वीडियो को कुछ न्यूज चैनल में चलाया गया था. जिसमें 24 साल के तबरेज अंसारी को पोल से बांधकर पीटते दिख रहा है.

नई दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में लोगों ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की है. गुजरात और पश्चिम बंगाल में सैकड़ों लोगों ने ‘धर्म के नाम पर अब कोई लिंचिंग नहीं’ के पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे.

न्यूज एजेंसी रॉयटर के मुताबिक हमले के विरोध में देश 50 शहरों में प्रदर्शन के आयोजन की योजना बनी थी. हालांकि अभी तक पूरी रिपोर्ट नहीं आई है.

नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर जुटे प्रदर्शनकारियों ने पिछले सप्ताह हुई इस घटना के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुबर दास से इस्तीफे की मांग की.

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने कहा कि यह ‘शर्मनाक’ है कि विपक्ष को इस जघन्य घटना के बारे में बोलने के लिए एक सप्ताह का समय लग गया.

उमर ने भीड़ द्वारा पीट पीट कर हत्या किये जाने की घटना पर अंकुश लगाने के लिए ‘निर्भया जैसे आंदोलन’ का आह्वान भी किया.

उमर ने कहा, ‘‘लोगों को सड़कों पर उतरने की आवश्यकता है क्योंकि दोषियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है.’’

पूर्व छात्र नेता ने कहा, ‘हमारा गुस्सा विपक्ष पर भी है. आज वे कहां हैं.’’

प्रदर्शनकारी अपने हाथ में तख्तियां लिये हुए थे. उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और दास का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांगा.

इस प्रदर्शन में भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने भी हिस्सा लिया.

अंसारी की हत्या के दो दिनों के बाद ही एक मौलवी को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हिन्दू देवी देवता संबंधित नारे नहीं लगाने पर भीड़ ने चलती ट्रेन से धकेल दिया था.

पीटीआई के मुताबिक मॉब लिंचिंग के विरोध में सामाजिक संगठनों ने लखनऊ के घंटाघर हुसैनाबाद में भी प्रदर्शन किया.

इस दौरान सपा नेता अमीक जामेई ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के साथ मॉब लिचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. प्रदेश में दलित पिछडे़ और मुसलमानो के एंकाउटंर हो रहे हैं. झारखंड मे तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या का ताजा मामला सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोलता है.

एसआईओ यूपी सेंट्रल के प्रांतीय अध्यक्ष मोहम्मद राशिद ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को भीड़ द्वारा इतनी बर्बरता और अमानवीयता के साथ सिर्फ इसलिए हत्या कर दी जाए क्योंकि वह एक विशेष समुदाय से संबंध रखता था, अत्यंत निंदनीय है.

आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने कहा कि भीड़ की इस हिंसा पर सत्ताधीशों की चुप्पी चिंता का विषय है. मॉब लिंचिंग की घटनाओं के आरोपियों को सत्ता में बैठे लोग सम्मानित कर रहे हैं. दुखद तो ये है कि नागरिक समाज की ओर से भी इसका कायदे से विरोध नहीं हो रहा है.

सोशल मीडिया पर भी बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक तबरेज अंसारी को झारखंड के सरायकेला-खरसांवा इलाके में चोरी के शक में गांव वालों की भीड़ ने पकड़ा था. भीड़ की पिटाई के बाद उसे जेल भेज दिया गया था. जेल में हालत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उसने दम तोड़ दिया.

इस मामले में अबतक आठ ग्रामीणों को पकड़ा गया है. मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है.


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