संघ का सरकार पर हमला?


 

संघ के दो शीर्ष नेताओं द्वारा दिए गए बयानों ने साल 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

जहां एक ओर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लगातार शहीद हो रहे जवानों को लेकर चिंता जताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है, वहीं दूसरी ओर संघ में नंबर दो की भूमिका निभाने वाले भैयाजी जोशी ने भी राम मंदिर निर्माण पर केंद्र के टालमटोल रवैए पर मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है.

भैयाजी जोशी ने प्रयागराज में हो रहे कुंभ मेले में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राम मंदिर 2025 में बनेगा तभी देश की विकास की गति भी तेज होगी.

वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई युद्ध नहीं हो रहा है फिर भी देश की सीमाओं पर सैनिक शहीद हो रहे हैं. सरकार की सुरक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए भागवत ने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ‘‘हम अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं.”

सीमा पर सैनिकों की शहादत के मुद्दे पर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए भागवत ने कहा कि,‘‘भारत को आजादी मिलने से पहले देश के लिए जान कुर्बान करने का वक्त था. लेकिन हमारे देश में इस वक्त कोई युद्ध नहीं है फिर भी लोग शहीद हो रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई युद्ध नहीं है तो कोई कारण नहीं है कि कोई सैनिक सीमा पर अपनी जान गंवाए. लेकिन ऐसा हो रहा है. इसे रोकने और देश को महान बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. ”

हालांकि, ये पहला मौका नहीं जब संघ नाराज हुआ हो. राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ न होने के कारण संघ और तमाम हिंदू संगठन मोदी सरकार से नाराज हैं.

इससे पहले भी मोहन भागवत बीजेपी की राम मंदिर नीति की आलोचना कर अपनी नाराजगी ज़ाहिर कर चुके हैं. साल 2018 में भागवत ने राम मंदिर मुद्दे पर केंद्र के टालमटोल रवैए पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी का नहीं पता, लेकिन देश में हर कोई चाहता है कि राम मंदिर का निर्माण हो और अब आरएसएस लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों को लेकर निश्चित नहीं हैं .

आरटीआई के जरिए गृह मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों के दौरान यानि मई, 2014 से मई, 2017 तक सिर्फ जम्मू कश्मीर में 812 आतंकवादी घटनाएं हुईं हैं. इन घटनाओं में 62 नागरिक मारे गए वहीं 183 जवान शहीद हुए. ऐसे ही आंकड़े सामने रख विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार द्वारा आतंक का सफाया किए जाने वाले दावों पर बार-बार निशाना साधती रहीं है .

जहां खुद प्रधानमंत्री मोदी यह साफ कह चुके हैं कि राम मंदिर निर्माण उनकी सरकार की प्रतिबद्धता है, लेकिन इस पर वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे. ऐसे में भैयाजी जोशी का बयान कि राम मंदिर 2019 या 2024 से पहले नहीं बल्कि 2025 में बनेगा थोड़ा हैरान करने वाला है.

हालांकि इस बयान पर आई प्रतिक्रियाओं के बाद भैयाजी जोशी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका मतलब साल 2025 में राम मंदिर का निर्माण होने से नहीं था. बल्कि वे कहना चाहते थे कि अगर अभी से राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो वह 2025 तक पूरा होगा.

वहीं मोहन भागवत द्वारा सीमा पर शहीद हो रहे जवानों को लेकर दिया गया बयान मोदी सरकार की सुरक्षा नीति और दावों के भी बिल्कुल विपरीत दिखाई दे रहा है.


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