रमजान के दौरान चुनाव को लेकर मुस्लिम संगठनों ने जताया विरोध
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बीते रविवार को चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनावों की तारीखें निर्धारित कर दी हैं. इसके बाद देश के कुछ महत्वपूर्ण मुस्लिम संगठनों ने रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव कराने को लेकर विरोध जताया है.
खबरों के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और ऑल इंडिया वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ पदाधिकारियों इसको लेकर विरोध जताया है. इन संगठनों ने निर्वाचन आयोग से चुनाव की तारीख बदलने पर विचार करने को कहा है.
हालांकि चुनाव आयोग ने इन चिंताओं को दरकिनार कर दिया है. आयोग का कहना है कि चुनाव कार्यक्रम में मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कार्यकारिणी के सदस्य और लखनऊ के काजी मौलाना रशीद फरंगी महली ने कहा कि पांच मई को चांद देखा जाएगा, अगर चांद नजर आता है तो छह मई को ईद होगी. चुनाव तारीखों के मुताबिक छह मई को मतदान होना तय है.
ऑल इण्डिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने भी रमजान के दौरान चुनाव कराए जाने पर नाखुशी जाहिर की है.
शाइस्ता ने कहा कि चुनाव भी लोकतंत्र का पर्व है, लेकिन अगर इसकी घोषणा में सभी समुदायों की भावनाओं का ख्याल किया जाता तो खुशी होती.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग पर बीजेपी कार्यालय से संचालित होने का आरोप लगाया है. उधर आम आदमी पार्टी नेता और ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी बीजेपी पर चुनाव कार्यक्रम को प्रभावित करने का आरोप लगाया है.
अमानतुल्लाह ने कहा कि 12 मई को रमजान की वजह से मुसलमान मतदाता कम वोट करेगा जिसका फायदा बीजेपी को मिलेगा.
उधर एमआईएम नेता ओवैसी ने कहा है कि रमजान का चुनाव पर कोई असर नहीं होगा.