योगी कैबिनेट में मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी को प्रमोशन मिला


Muzaffarnagar riot accused gets place in Yogi government

 

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में छह नए मंत्री, छह राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) के साथ 11 राज्य मंत्री के साथ बनाए गए हैं. योगी सरकार के पहले कैबिनेट पुनर्गठन में पुराने मंत्रियों के साथ-साथ नए चेहरों को भी जगह दी गई है. मंत्रिमंडल विस्तार में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य सहित सभी जातियों को साधने की कोशिश की गई है. कुल 23 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है.

मंत्रिमंडल में दो महिलाओं को जगह दी गई है जिनमें एक कैबिनेट और एक को राज्यमंत्री बनाया गया है. मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री और नीलखंड तिवारी को राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) के साथ वाराणसी उत्तरी से विधायक रविन्द्र जायसवाल को जगह दी गई है.

अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है. बीजेपी ने अपनी पार्टी के राजभर समुदाय से आने वाले अनिल राजभर और पटेल समुदाय से आनेवाले राम शंकर सिंह को पार्टी में जगह दी है.

छह कैबिनेट मंत्रियों में मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी थाना भवन विधायक सुरेश राणा के साथ महेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह चौधरी और अनिल राजभर के नाम शामिल हैं. ये चारो पहले राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) थे.

जिन दो नए चेहरों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें कानपुर के घाटमपुर विधानसभा से विधायक कमल रानी वर्मा और मैनपुरी के भागौन से विधायक नरेश अग्निहोत्री के नाम शामिल हैं.

जिन छह मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री बनाया गया है उनमें नीलकंठ तिवारी, मुजफ्फरनगर विधायक कपिल देव अग्रवाल, इटावा के विधायक सतीश द्विवेदी, एमएलसी अशोक कटारिया, घनघटा विधायक श्रीराम चौहान के नाम शामिल हैं. तिवारी को छोड़कर सभी नए चेहरे हैं.

अनिल शर्मा, महेश गुप्ता, आनंद स्वरूप शुक्ला, विजय कश्यप, गिर्राज सिंह धर्मेश, लखन सिंह राजपूत, नीलिमा कटियार, चौधरी उदयभान सिंह, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रामशंकर सिंह पटेल और अजीत सिंह पाल को राज्य मंत्री बनाया गया है.

समाजावादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार अपनी असफलता से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है.


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