NCLAT ने साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाने का आदेश दिया
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCALT) ने टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा ग्रुप का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. वहीं ट्राइब्यूनल ने एन चंद्रशेखरन की बतौर कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति को अवैध ठहराया है. इस फैसले से रतन टाटा को झटका लगा है.
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल की दो जजों की बेंच ने कहा कि रतन टाटा की साइरस मिस्त्री के खिलाफ कार्रवाई दमनकारी थी और एक नए चेयरमैन की नियुक्ति अवैध थी.
ट्राइब्यूनल ने टाटा सन्स के सार्वजनिक फर्म से निजी फर्म में बदलाव को भी गलत ठहराया. हालांकि, रतन टाटा के पास इस ट्राइब्यूनल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का अधिकार है.
इस फैसले के बाद बीएसई पर टाटा मोटर्स के शेयर 5.25 प्रतिशत गिर गए. मिस्त्री परिवार टाटा सन्स में सबसे अधिक भागीदारी रखता है. उसके पास कंपनी की 18.4 प्रतिशत भागीदारी है.
टाटा सन्स के छठे चेयरमैन साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में इस पद से हटा दिया गया था. रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद वे 2012 में चेयरमैन बने थे. पद से हटाए जाने के बाद मिस्त्री ने कहा था कि यह कंपनीज एक्ट के अनुसार गलत है और टाटा सन्स कुप्रबंधन से जूझ रहा है.