न्यूजीलैंड में ‘वेलबीइंग बजट’, GDP वृद्धि दर की चिंता नहीं ‘खुशहाली’ है मकसद


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न्यूजीलैंड में लेबर पार्टी की गठबंधन वाली सरकार ने अपने देश के लिए ‘वेलबीइंग बजट’ पेश किया है. इस बजट की खास बात ये है कि इसमें जीडीपी के लक्ष्यों को ध्यान में नहीं रखा गया है.

ये अपनी तरह का दुनिया का पहला बजट है. जो पूरी तरह से सामाजिक भलाई के उद्देश्य से प्रेरित है. और समाज के प्रत्येक तबके के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास करता है. इस बजट में देश के सबसे कमजोर तबके को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है.

देश के वित्त मंत्री ग्रान्ट रॉबर्टसन ने इस बजट में सैकड़ों करोड़ मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, गरीबी में निवेश के साथ ही पारिवारिक हिंसा को ध्यान में रखकर खर्च करने का प्रावधान किया है.

रॉबर्टसन ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा, “ये सफलता न्यूजीलैंड को रहने के लिए एक महान जगह के साथ ही जीवन सुधारने के लिए एक महान जगह बना रही है.”

उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड के सभी निवासियों को विकास कर रही अर्थव्यवस्था का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसीलिए इस साल का बजट देश में बढ़ रही असमानता को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

आईएमएफ के मुताबिक न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था साल 2019 में 2.5 फीसदी और 2020 में 2.9 फीसदी की दर से विकास करेगी.

इस बजट का एक बड़ा हिस्सा मानसिक स्वास्थ्य पर खर्च के लिए रखा गया है. इसके तहत स्थानीय स्तर पर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्रदान की जाएंगी.

रॉबर्टसन ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “अब हमारे सिस्टम में मानसिक स्वास्थ्य की और ज्यादा अनदेखी नहीं की जा सकेगी. ये सभी तरह की खुशियों के केंद्र में होता है.”

इस बजट में घरेलू हिंसा को भी काफी महत्व दिया गया है. बजट में इसके लिए करीब 38 करोड़ डॉलर का प्रावधान किया गया है. न्यूजीलैंड में इस तरह के मामले बड़े पैमाने पर देखे जाते हैं. यहां हर चार मिनट में पुलिस को घरेलू हिंसा से संबंधित फोन आते हैं.

इस बजट में बच्चों को भी ध्यान में रखा गया है. रॉबर्टसन ने कहा, “जब हमारे बच्चे बेहतर करेंगे, हम सब बेहतर करेंगे.”


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