नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करेंगे 94 साल के स्वतंत्रता सेनानी
94 वर्ष के स्वतंत्रता सेनानी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जीजी पारिख 19 दिसंबर को मुंबई के गिरगौम चोपट्टी में होने वाले विशाल विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. इस विशाल प्रदर्शन में बहुत से संगठन, छात्र और राजनीतिक पार्टियां हिस्सा लेंगी. यह प्रदर्शन 19 दिसंबर को पूरे देश में इस कानून के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन का हिस्सा होगा.
मुंबई में 16 दिसंबर को 20 से अधिक सामाजिक संगठनों ने बैठक की थी और नागरिकता संशोधन कानून और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के ऊपर हुई पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी. इसी दिन मुंबई में पांच जगहों पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
19 दिसंबर को पारिख सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़, लेखिका डॉल्फी डिसूजा, पूर्व आईएएस कन्नण गोपीनाथन, पूर्व आईपीएस अब्दुर रहमान और वकील मिहिर देसाई के साथ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज मिथिबोरावाला ने बताया, ‘हमने गिरगौम को इसलिए चुना है क्योंकि वहीं पर भारत की आजादी का आंदोलन लड़ा गया था. हम विरोध प्रदर्शन को आजाद मैदान से अलग हटाना चाहते थे.’
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की जुबैदा खातून ने कहा कि नया नागरिकता कानून लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास करत है.
बीएमसी की शिक्षिका और इंडियन सोइल मूवमेंट की सदस्य मूलनिवासी माला ने कहा कि यह कानून पूरी तरह से असंवैधानिक है, हमें अपने बच्चों को भविष्य में इससे पैदा होने वाले कुप्रभावों से बचाना है.
सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा विलास के अनुसार हजारों की संख्या में लोगों के इस आंदोलन में शामिल होने की आशा है. हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाएंगे. हमें बहुत से संगठनों का समर्थन मिला है.