निर्भया मामला: एक दोषी ने घटना के दिन शहर में ना होने की याचिका दाखिल की


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फांसी की सजा से तीन दिन पहले निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के एक दोषी मुकेश कुमार सिंह ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि वो घटना के दिन शहर में नहीं था. इस आधार पर दोषी ने फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है. अदालत ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी.

अतिरिक्त सेशन जज धर्मेंद्र राणा के सामने दाखिल याचिका में दोषी मुकेश कुमार सिंह ने दावा किया कि उसे राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था और घटना के एक दिन के बाद 17 दिसंबर, 2012 को दिल्ली लाया गया था. मुकेश कुमार सिंह ने यह आरोप भी लगाया है कि उसे तिहाड़ जेल में यातना दी गई.

हालांकि, दूसरे पक्ष के वकील का कहना है कि इस याचिका में कुछ भी नहीं है और यह फांसी की सजा टालने के लिए डाली गई है.

निर्भया मामले के चार आरोपियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जानी है. उनके खिलाफ यह चौथा डेथ वारंट है. पिछले तीन डेथ वारंट दोषियों द्वारा उनके समक्ष उपलब्ध कानूनी विकल्पों की वजह से रद्द हो गए.

इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश कुमार सिंह की वह याचिका रद्द कर दी, जिसमें उसने उसके सभी कानूनी विकल्पों को बहाल करने की मांग की थी. मुकेश ने दावा किया कि वह अपने वकीलों द्वारा गुमराह हो गया और उसे फांसी की सजा के खिलाफ अपील करने के लिए कोर्ट की सहायता चाहिए.

बाद में तीन दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में तुरंत सुनवाई के लिए अपील की.


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