सरकार ने रोजगार पर नीति आयोग टास्क फ़ोर्स की रिपोर्ट छिपाई


 

रोजगार के सटीक आंकड़े जुटाने के लिए नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में गठित टास्क फ़ोर्स की फाइनल रिपोर्ट को सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया. बिजनेस स्टैण्डर्ड अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अरविंद पनगढ़िया ने नीति आयोग को अलविदा कहने से पहले ही यह रिपोर्ट सरकार के पास जमा कर दी थी.

अखबार ने दावा किया कि सरकार ने इस रिपोर्ट का जो ड्राफ्ट सार्वजनिक किया, वह टास्क फ़ोर्स द्वारा जमा की गई फाइनल रिपोर्ट से अलग था.

अखबार के अनुसार, टास्क फ़ोर्स ने अपनी फाइनल रिपोर्ट 28 अगस्त, 2017 को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में जमा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अलावा यह रिपोर्ट श्रम और रोजगार मंत्रालय, सांख्यिकी मंत्रालय और नीति आयोग के पास भी उपलब्ध है.

इस रिपोर्ट में टास्क फ़ोर्स ने सरकार को रोजगार के आंकड़े जुटाने के तरीकों में बदलाव करने संबंधी बहुत से दिशा-निर्देश दिए हैं. रिपोर्ट ने लिखा कि उसने एक ऐसे ढांचे को प्रस्तावित किया है जिससे रोजगार, बेरोजगारी और मजदूरी के विश्वसनीय आंकडें समयबद्ध ढंग से उपलब्ध हो सकें. रिपोर्ट ने बदलती आवश्यकताओं और वैश्विक मानकों के अनुरूप आवश्यक सर्वेक्षणों और आर्थिक जनगणना की पहचान करने की भी बात लिखी.

हालांकि टास्क फ़ोर्स ने इस बात के लिए कोई विस्तृत दिशा-निर्देश जारी नहीं किए इन सर्वेक्षणों और आर्थिक जनगणना का डिजाइन क्या होना चाहिए. टास्क फोर्स का मानना था कि यह कार्य आंकड़े जुटाने वाली व्यवसायिक एजेंसियों को दिया जा सकता है.

टास्क फ़ोर्स ने मुख्य रूप से यह सुझाव दिया था कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार की सही तस्वीर के लिए इंटरप्राइज आधारित सर्वेक्षणों के बजाय आंकड़ों को मासिक आधार पर जुटाना चाहिए. रिपोर्ट में जोड़ा गया है कि इंटरप्राइज आधारित सर्वेक्षणों से रोजगार संबंधी आंकड़ें निकालते समय सावधान रहना चाहिए. समिति ने यह भी कहा कि एक खास अवधि में किसी व्यक्ति ने कितना खर्च किया, ये आंकड़े जुटाने के लिए टाइम-यूज सर्वेक्षणों को स्थापित किया जाना चाहिए.

टास्क फ़ोर्स की रिपोर्ट का एक मुख्य निष्कर्ष यह भी था कि सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा की जाने वाली आर्थिक जनगणना की प्रक्रिया में गंभीर समस्याएं हैं. अब तक छह आर्थिक जनगणनाएं हो चुकी हैं और सातवीं शुरू होने वाली है.

टास्क फ़ोर्स का मानना था कि मासिक हाउसहोल्ड सर्वेक्षण देश में रोजगार सृजन की असल स्थिति पता करने का सबसे अच्छा तरीका है, लेकिन यह कार्य तुरंत नहीं किया जा सकता. राष्ट्रीय सैम्पल सर्वेक्षण आफिस (एनएसएसओ) द्वारा तिमाही और चौमाही श्रम कार्यबल सर्वेक्षण इसकी भरपाई कर सकते हैं.


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