सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जर्मन छात्र के बाद नॉर्वे की पर्यटक को देश छोड़ने का निर्देश


norwegian tourist asked to leave India for participating in anti CAA protest

  @Janne-Mette Johansson (FB)

आईआईटी के जर्मन छात्र याकोब लिनइनथाए के बाद पर्यटन वीजा पर भारत आई नॉर्वे की एक महिला को अधिकारियों ने सीएए प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के चलते देश छोड़ने का निर्देश दिया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोच्चि में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल नॉर्वे की एक महिला को वीजा नियमों का उल्लंघन करने के लिए भारत छोड़ने के लिए कहा गया है.

विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के अधिकारी अनूप कृष्णन ने कहा,” हमारी जांच में पाया गया कि उन्होंने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है और इसलिए उन्हें जाने के लिए कहा गया.

एफआरआरओ केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है. एफआरआरओ ने कहा था कि सोशल मीडियो के जरिए यह बात सामने आई कि नॉर्वे की एक महिला के 23 दिसंबर को नए कानून के विरोध में प्रदर्शन में कथिततौर पर हिस्सा लिया था और इसके बाद से हम इस मामले की जांच कर रहे हैं.

नॉर्वे की महिला जाने मेट जोहानसन (71) ने फेसबुक पोस्ट में कहा था आव्रजन अधिकरण के ब्यूरो ने उन्हें तत्काल देश छोड़कर जाने का निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा,”मुझे तत्काल देश छोड़कर जाने के लिए कहा गया है अथवा मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गई है.”

महिला ने कहा कि जब उनसे इस पर स्पष्टीकरण मांगा या लिखित में कुछ देने के लिए कहा तो अधिकारियों ने कहा कि लिखित में कुछ नहीं दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि उनका एक मित्र दुबई के लिए टिकट की व्यवस्था कर रहा है, जहां से वो स्वीडन के लिए फ्लाइट लेंगी. महिला ने कहा, ”ब्यूरो के अधिकारी बिना टिकट देखे मुझे जाने नहीं दे रहे हैं.”

महिला पर्यटन वीजा पर आई थी और शहर में 23 दिसंबर को हुए प्रदर्शन में शामिल होने के बाद से अधिकारियों की नजर में थी.

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कथित तौर पर कहा था कि उसने सीएए के विरोध में ‘पीपुल्स लॉग मार्च’ में हिस्सा लिया.


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