पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में पुरुषों से ज्यादा हैं महिला वोटर
17वीं लोकसभा के लिए चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. सभी दल मतदाताओं को लुभाने में लगे हुए हैं. इस बीच एक रोचक आंकड़ा सामने आया है, जिसके मुताबिक दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.
ये आंकड़े इन राज्यों में लिंगानुपात बेहतर होने की ओर इशारा तो कर ही रहे हैं, साथ ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की उचित हिस्सेदारी की बात भी स्थापित कर रहे हैं.
चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके अनुसार, लैंगिक अनुपात के मामले में दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और पुदुचेरी के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और मिजोरम आगे हैं.
शेष भारत के हालात इतने बेहतर नहीं हैं. बाकी हिस्से में सिर्फ गोवा एकमात्र राज्य है जहां महिला मतदाताओं की अधिकता है. राष्ट्रीय स्तर पर मतदाताओं का लैंगिक अनुपात 958 है.
आंकड़ों के अनुसार, लैंगिक अनुपात के लिहाज से पुडुचेरी में एक हजार पुरुषों पर 1117 महिला मतदाता हैं. केरल में यह संख्या 1066, तमिलनाडु में 1021 और आंध्र प्रदेश में 1015 है. वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में यह संख्या 1054 से 1021 के बीच है.
मतदाताओं के लैंगिक अनुपात के मामले में दिल्ली देश में सबसे पीछे है. यहां एक हजार पुरुषों की तुलना में सिर्फ 812 महिला मतदाता हैं. दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित सात राज्यों में मतदाताओं का लैंगिक अनुपात 800 से 900 के बीच है.
आबादी में मतदाताओं के अनुपात के लिहाज से देश में प्रति एक हजार आबादी पर मतदाताओं की संख्या 631 है. आयोग के आंकड़ों के अनुसार, केरल में प्रति एक हजार आबादी पर 741 मतदाता हैं, जबकि पंजाब और ओडिशा में यह आंकड़ा 700 तथा तमिलनाडु में 728 है.
आयोग द्वारा मतदाता पंजीकरण को बढ़ावा देने के तमाम प्रयासों के फलस्वरूप 18 राज्यों में किन्नरों को भी पुरुष और महिला श्रेणी से इतर ‘अन्य’ वर्ग में पंजीकृत किया गया है. इसके तहत पूरे देश में 31,292 लोगों को इस श्रेणी में बतौर मतदाता शामिल किया गया है. इनमें सर्वाधिक 8,374 मतदाता उत्तर प्रदेश से, 5472 तमिलनाडु से और 3761 आंध्र प्रदेश से शामिल हैं.
नवीनतम मतदाता सूची के अनुसार, देश में कुल मतदाताओं की संख्या 89.87 करोड़ (46.70 करोड़ पुरुष और 43.17 करोड़ महिला) हो गई है. इनमें विदेशों में रह रहे 71,735 मतदाताओं के अलावा 16.5 लाख सर्विस वोटर भी शामिल हैं. पहली बार मतदाता बने 18 से 19 साल के आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1.5 करोड़ है.
देश में मतदाताओं की कुल संख्या में 2014 की तुलना में 8.4 करोड़ का इजाफा हुआ है. आंकड़ों के अनुसार, विदेशों में रह रहे भारतीय मतदाताओं में सर्वाधिक हिस्सेदारी (92.8 प्रतिशत) केरल की है.
कुल 71,735 अनिवासी मतदाताओं में 66,866 पुरुष, 4849 महिला और 20 किन्नर शामिल हैं. इनमें केरल के अनिवासी मतदाताओं की संख्या 66584, आंध्र प्रदेश में 2511 और तेलंगाना में 1127 है.