अमीर देशों में सिकुड़ता मध्यम वर्ग


oecd says middle class shrinking in north america and western europe

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पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरीका में मध्यम वर्ग लगातार सिकुड़ रहा है. अलग-अलग रिपोर्ट से पता चलता है कि मौजूदा समय में मध्यम आय वर्ग में लोगों की जनसंख्या लगातार घट रही है.

ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 के दशक की तुलना में पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरीका के देशों में मध्यम वर्ग 3 फीसदी घटा है. जो 64 से घटकर 61 फीसदी हो गया है.

मध्यम वर्ग में कम होती जनसंख्या के तीन बड़े कारण हो सकते हैं. पहला, उच्च आय वर्ग में लोगों की बढ़ती जनसंख्या. दूसरा निम्न आय वर्ग में अधिक लोगों की जनसंख्या और तीसरा कारण, निम्न और उच्च आय वर्ग में लोगों की बढ़ती जनसंख्या हो सकता है.

संगठन के मुताबिक इन देशों में निम्न आय वर्ग के बढ़ते दायरे की वजह से मध्यम वर्ग सिकुड़ रहा है. हालांकि विभिन्न देशों में इसके पीछे अलग-अलग कारण बताए गए हैं.

इन देशों की बात करें तो स्वीडन, जर्मनी और कनाडा में मध्यम वर्ग में औसत से ज्यादा गिरावट देखी गई है. जिसके लिए तीसरा कारण जिम्मेदार है यानी निम्न और उच्च आय वर्ग में लोगों की बढ़ती जनसंख्या.

इन देशों के उलट यूएस में मध्यम वर्ग के सिकुड़ते आकार के पीछे उच्च आय वर्ग में बढ़ती जनसंख्या एक बड़ा कारण है.

इसके अलावा निम्न आय वर्ग की बढ़ती जनसंख्या के कारण स्पेन में भी मध्यम वर्ग का आकार कम हुआ है. वहीं फ्रांस में तस्वीर कुछ ओर है. यहां निम्न आय वर्ग में लोगों की जनसंख्या कम हुई है, जिसका असर मध्यम वर्ग के बढ़ते आकार पर देखा जा सकता है.

यूएस के शहरों में भी कुछ ऐसा ही पैटर्न देखा जा सकता है. जहां, साल 2000 से 2014 के बीच सैन फ्रांसिस्को में मध्यम वर्ग 53 फीसदी से सिकुड़कर 48 फीसदी रह गया. जबकि डेट्रॉइट में यह वर्ग 55 फीसदी से घटकर 51 फीसदी रह गया.

हालांकि इसके पीछे दोनों देशों में अलग-अलग कारण रहे. सैन फ्रांसिस्को में जहां लोग ज्यादा अमीर हुए, वहीं डेट्रॉइट में लोगों की आय में गिरवट आई है.

ओईसीडी सर्वे के दौरान राष्ट्रीय वार्षिक आय के मध्यमान में 75 से 200 प्रतिशत के बीच में कमाई करने वालों को मध्यम वर्ग की श्रेणी में रखा गया है.

ओईसीडी ने सर्वे में कहा कि मध्यम वर्ग का सिकुड़ता आकर चिंता का विषय है और इस समस्या से निपटने के लिए सही नीतियों को लागू करने की जरुरत है.

संगठन के मुताबिक “ऑटोमेशन की वजह से मध्यम वर्ग में मौजूद लोगों की नौकरियों पर लगातार संकट बना हुआ है. ऐसे में इस वर्ग में बने रहने के लिए उन्हें पहले से ज्यादा मेहनत, स्किल्स और परिवार में अधिक लोगों की कमाई पर निर्भर रहना पड़ता है.”

ओईसीडी ने कहा, “बहुत सी पीढ़ियों के लिए मध्यम वर्ग हमेशा से एक बेहतर जीवन की उम्मीद रहा है, जहां पहुंचकर उन्हें लगाता है कि अब वो के सम्मानजनक जीवन जी पाएंगे. लेकिन अब हाल के सर्वे बताते हैं कि बीते समय की तुलना में अब मध्यम वर्ग में बने रहना आसान नहीं है.”


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