हाई कोर्ट में केवल सात फीसदी महिला जज
देश के 25 हाई कोर्ट में कुल 1079 जजों में केवल 76 महिला जज हैं. यानि हाई कोर्ट में केवल 7.04 फीसदी जज ही महिलाएं हैं.
लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कानून और न्याय राज्यमंत्री जस्टिस पीपी चौधरी ने कहा कि देश के छह हाई कोर्ट में एक भी महिला जज नहीं है. इनमें हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट, मणिपुर हाई कोर्ट, मेघालय हाई कोर्ट, तेलंगाना हाई कोर्ट, त्रिपुरा हाई कोर्ट और उत्तराखंड हाई कोर्ट में एक भी महिला जज नहीं है.
संसद में जॉर्ज बेकर, अनिल शिरोले और प्रभूभाई नगरभाई वासवा ने लोकसभा में यह प्रश्न पूछा था.
सरकार की ओर से संविधान के अनुच्छेद 221 और 224 का जिक्र करते हुए कहा गया है कि महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है.
सरकार की ओर से जवाब में कहा गया है, “हाई कोर्ट के जज की नियुक्ति भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 और 224 के तहत होती है. इन अनुच्छेदों के तहत नियुक्ति में किसी जाति या वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है, इनमें महिलाएं भी शामिल हैं. इसलिए सरकार हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध करती है कि जजों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग(ओबीसी), अल्पसंख्यकों और महिलाओं के योग्य उम्मीदवारों को ध्यान में रखे.”
सुप्रीम कोर्ट में 31 जजों में केवल तीन महिला जज- जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस इंदू मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी हैं.